थाने में 25 लाख की चोरी प्रकरण: सफाई कर्मी की पुलिस हिरासत में मौत, बोले परिजन, पुलिस वालो के नाम न खुले इसीलिए मार डाला

शाहीन बनारसी (इनपुट- रवि पाल)

आगरा। जनपद के जगदीशपुरा थाने के अन्दर बने मालखाने से 25 लाख के चोरी प्रकरण में जहाँ पुलिस की किरकीरी हो रही थी वही अब पुलिस पर एक बड़ा आरोप और भी लग रहा है कि पूछताछ हेतु हिरासत में लिए गए सफाईकर्मी अरुण की संदिग्ध मौत में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। अरुण के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अरुण कई पुलिस वालो का नाम ले रहा था। जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों ने उसे मार डाला।

गौरतलब हो कि थाना जगदीशपुरा के मालखाने से शनिवार रात को चोरी हुई थी। पीछे के दरवाजे से घुसा चोर बक्से का ताला तोड़ 25 लाख रुपये चोरी करके ले गया था। रविवार की सुबह घटना की जानकारी हुई थी। एसएसपी मुनिराज और एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने थाने का निरीक्षण किया था। पुलिस टीम को घटना के खुलासे के लिए लगाया था। साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी, मालखाना प्रभारी हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह सहित छह को निलंबित कर दिया गया था। मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने इसके बाद पूछताछ के लिए अरुण नामक सफाईकर्मी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दिया था। पुलिस अपने इस यकीन पर काम कर रही थी कि यह चोरी अरुण ने किया है और उससे चोरी गयी रकम की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा था।

पूछताछ के दरमियान अचानक ही अरुण की तबीयत खराब हो गई थी, पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। आने वाले बवाल की आशंका के मद्देनजर थाने पर भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है। थाने के मालखाने में चोरी के मामले में हिरासत में हुई अरुण  की मौत के बाद परिजन सामने आए हैं। उनका कहना है कि अरुण को पूछताछ के लिए पुलिस रात को 3:30 बजे घर लेकर आई थी। इस दौरान ही उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। वही दूसरी तरफ पुलिस के उच्चाधिकारी वाल्मीकि समाज के नेताओं से बातचीत कर रहे है।

इस सम्बन्ध में एसएसपी मुनिराज ने बताया कि थाना के मालखाना में नकबजनी हुई थी जिसमें 25 लाख रुपया चोरी हुआ था। मंगलवार को पुलिस ने अरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। उसने घटना को कबूला था। 15 लाख रुपया घर से रिकवरी किया था। इसी दौरान उसकी घर में तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद पुलिस और अरुण के परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने एफआईआर का प्रार्थनापत्र दिया था। जिसके आधार पर अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

घटना के बाबत मृतक की माँ ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि अरुण कई पुलिस वालो का नाम खोलने लग गया था जिस कारण पुलिस वालो में खुद को बचाने के लिए अरुण को मार डाला। वही अरुण के भाई सोनू ने पुलिस प्रशासन से दो करोड़ रुपये और मृतक आश्रित को नौकरी देने की मांग की है। घटना के बाद से आगरा के साथ ही अन्य जिले के अधिकारी भी वाल्मीकि समाज के पदाधिकारियों और अन्य लोगों से बातचीत में जुटे हैं।

 अरुण कुमार की हिरासत में मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मां कमला देवी का कहना है कि पुलिस वालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया और उनकी पिटाई किया। अरुण कुछ पुलिस वालों के नाम बता रहा था। नाम उजागर न हो जाएं, इसलिए उसे मार दिया। मुझे इंसाफ चाहिए जिसने उसे मारा है उसके खिलाफ कार्यवाही  होनी चाहिए। मृतक की पत्नी सोनम ने भी कहा है कि पुलिस ने उसकी पिटाई की। उनसे पैसा लाने को दबाव बना रहे थे। महिला पुलिस कर्मियों के साथ पुरुष पुलिस कर्मियों ने भी पिटाई किया।

गर्म हुई सियासत

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट से भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा? आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी कराई गई। फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है? हत्यारे पुलिसकर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई हो।

गुस्से में है वाल्मीकि समाज

अरुण की हिरासत में मौत के बाद वाल्मीकि समाज में माहौल गर्म है। वाल्मीकि समाज इस मामले में कड़ी कार्यवाही चाहता है। वाल्मीकि समाज में इस मामले को लेकर सुगबुगाहट चालु हो गयी है। वही आलाधिकारी इस मामले में वाल्मीकि समाज के अधिकारियों से और अन्य लोगो से बात कर रहे है।

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