विवाहिता की संदिग्ध परिस्थियों में मौत प्रकरण : भाजयुमो के महानगर अध्यक्ष और क्षेत्रीय मंत्री पर बवाल, डकैती और तोड़ फोड़ का मुकदमा हुआ दर्ज, गिरफ़्तारी से दूर पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
शाहीन बनारसी (इनपुट साहिल खान)
आगरा। मुहब्बत की नगरी आगरा में हुवे नफरत के बवाल के बाद पुलिस ने मृतक के पति सहित पांच पर दर्ज हुवे दहेज़ हत्या से सम्बन्धित मुक़दमे में पति फहीम सहित कुल तीन नामज़द को जेल भेज दिया है। वही दूकान में पुलिस के सामने हुई तोड़फोड़ के प्रकरण में दुकानदार आमान बेग के द्वारा शनिवार को दर्ज करवाए गए मुक़दमे में नामज़द भाजयुमो नेताओं के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नही होने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए है। बताते चले कि इस घटना का दुकानदार ने सीसीटीवी फुटेज देते हुवे मुकदमा दर्ज करवाया है।
वही दूसरा बड़ा सवाल शनिवार को ही पुलिस द्वारा लिखवाए गए मुक़दमे को लेकर भी उठ रहा है। चौकी प्रभारी डिवीजन राकेश कुमार की तहरीर पर बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, पथराव और सात सीएलए एक्ट में मुकदमा लिखा गया। इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया है। 25-30 अज्ञात आरोपी दिखाए गए हैं। इसमें पुलिस पर सवाल उठना इस लिए भी लाजिम हो गया है कि पुलिस ने इसमें किसी को नामज़द नही किया है। जबकि घटना पुलिस के सामने हुई और आमान द्वारा दर्ज करवाए गए मुक़दमे में दो नामज़द भी किये गए थे। सीसीटीवी फुटेज से लेकर वीडियो तक इस घटना के समय का वायरल हुआ। पुलिस के पास वीडियो सभी उपलब्ध है मगर पुलिस इसमें किसी की अभी तक शिनाख्त नहीं कर पाने की बात कह रही है।
गौरतलब हो कि चिल्लीपाड़ा निवासी वर्षा रघुवंशी की शुक्रवार शाम को मौत हो गई थी। मृतका के भाई दुष्यंत के साथ भाजयुमो के क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत और महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित घर पहुंचे थे। इसके बाद बवाल हो गया था। पथराव और फायरिंग की गई थी। इस दौरान सीओ लोहामंडी सौरभ सिंह और थाना प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र कुमार भी मौजूद थे। पुलिस ने भी भागकर खुद को बचाया था। दो दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस ने वर्षा की मौत के मामले में भाई दुष्यंत की तहरीर पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें पति फईम सहित पांच को नामजद किया गया था। पुलिस ने पति, ससुर और देवर को जेल भेज दिया था।
बताते चले कि मौत के बाद हुवे बवाल के मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। दुकान में तोड़फोड़ के मामले में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित और क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत और 12 अज्ञात के खिलाफ बवाल, डकैती और तोड़फोड़ की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। दूसरा पुलिस की ओर से 25-30 अज्ञात के खिलाफ लिखाया गया है। तीसरा क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत पर हमला और फायरिंग के मामले में दर्ज किया गया है। मगर, गिरफ्तारी एक भी नहीं हो सकी है। जबकि ये तीनो मुक़दमे शनिवार को दर्ज हुवे है।
पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमे में किसी की नामजदगी नहीं की गई। पुलिस के सामने बवाल हुआ था। पुलिस के पास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और वायरल वीडियो हैं। इसके बावजूद एक भी आरोपी को नामजद नहीं किया गया। किसी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई है। यह बात पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल उठा रही है। जबकि बवाल पुलिस के सामने हुआ? फिर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया तो नामजदगी क्यों नहीं की? 36 घंटे में पुलिस आरोपियों को क्यों नहीं पहचान पाई? दुकान में तोड़फोड़ करने वालों के सीसीटीवी फुटेज हैं। यह लोग मोहल्ले में पथराव के बाद आए थे? ऐसे में पुलिस ने अपने मुकदमे में उनकी नामजदगी क्यों नहीं की? दुकानदार के मुकदमे में नाम लिखा गया।
शनिवार को दर्ज हुवे है इस प्रकरण में ये तीन मुक़दमे
- चौकी प्रभारी डिवीजन राकेश कुमार की तहरीर पर बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, पथराव और सात सीएलए एक्ट में मुकदमा लिखा गया। इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया है। 25-30 अज्ञात आरोपी दिखाए गए हैं।
- भाजयुमो के क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत की ओर से दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चिल्लीपाड़ा में उन पर जानलेवा हमला किया गया। मोहल्ले के लोगों ने पथराव किया और गोलियां चलाईं। उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई।
- शाहगंज बाजार में रेडीमेड कपड़ों की दुकान के संचालक अमान बेग ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें बलवा, डकैती, तोड़फोड़, मारपीट का आरोप लगाया गया। यह भाजयुमो के महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित और क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत को नामजद और 10-12 अज्ञात के खिलाफ लिखा गया। दुकान में तोड़फोड़ करते सीसीटीवी फुटेज भी दिए गए हैं। इसमें आरोपियों की पहचान भी हो रही है।