दशाश्वमेघ थानाध्यक्ष आशीष मिश्रा के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने वाले बृजमणि मिश्रा के खिलाफ अदालत ने जारी किया गैर ज़मानती वारंट
शाहीन बनारसी
वाराणसी। वाराणसी के दशाश्वमेघ थानाध्यक्ष आशीष मिश्रा के बतौर सुजाबाद चौकी इंचार्ज रहते हुवे उन पर अनर्गल आरोप लगाते हुवे अमर्यादित टिप्पणी करना और सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल करना मुगलसराय निवासी बृजमणि मिश्रा को अब कुछ ज्यादा ही भारी पड़ने लगा है। तत्कालीन चौकी इंचार्ज सुजाबाद और वर्त्तमान थानाध्यक्ष दशाश्वमेघ आशीष मिश्रा द्वारा दाखिल मानहानि के दावे में आज न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत ने बृजमणि मिश्रा के विरुद्ध गैर ज़मानती वारंट जारी किया है। यह गैर ज़मानती वारंट विपक्षी के अदालत में हाज़िर न होने पर जारी हुआ है।
गौरतलब है कि थानाध्यक्ष दशाश्वमेध आशीष मिश्रा जिस समय चौकी इंचार्ज सुजाबाद के तौर पर तैनात थे उस समय मुग़लसराय निवासी बृजमणि मिश्रा ने आशीष मिश्रा पर मनगढ़ंत आरोप लगाते हुवे सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल करना शुरू कर दिया था। हद तो तब खत्म हो गई थी जब पोस्ट में बृजमणि द्वारा आशीष मिश्रा की तुलना कुख्यात गैंगस्टर विकास देय और बलात्कार आरोपी कुलदीप सेंगर से कर डाली। मामले में आरोपी बृजमणि द्वारा अपने यह अमर्यादित पोस्ट तत्कालीन डीआईजी जुगल किशोर तिवारी के फेसबुक पोस्ट पर यह अमर्यादित टिप्पणी पोस्ट कर दिया।
इसके बाद तत्कालीन चौकी इंचार्ज सुजाबाद और वर्त्तमान थानाध्यक्ष दशाश्वमेघ आशीष मिश्रा ने अपने अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी के माध्यम से मानहानि का एक परिवाद दाखिल किया था। जिसमे अदालत ने प्रथम दृष्टया मानहानि का आरोप पाते हुए अभियुक्त को तलब किया था। मगर अदालत द्वारा तलब करने के बावजूद बृजमणि मिश्रा के अदालत में हाज़िर न होने के कारण आज अदालत ने उसके ऊपर गैर ज़मानती वारंट जारी करते हुवे प्रतिवादी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।