इश्क का चढ़ा ऐसा खुमार, चाचा हुआ भतीजी को लेकर फरार, पंचायत के बाद हुई दोनों की शादी
ए जावेद/ अनुराग
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक अजीब-ओ-गरीब इश्क की दास्ताँन सामने आई है। इश्क में मुब्तेला हुवे रिश्ते के चाचा भतीजी एक दुसरे के साथ फरार हो गए। काफी खोजबीन के बाद दोनों प्रेमी युगल पड़ोस के गाँव में मिले। परिजनों ने पुलिस को सुचना दिया। मौके पर पहुची पुलिस दोनों को थाने ले आई। थाने पर चली घंटो की पंचायत के बाद परिजनों ने दोनों की शादी करवा दिया। क्षेत्र में घटना को लेकर तरह तरह की चर्चा हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार युवती की शादी कही और तय हो गई थी और शनिवार को उसकी गोद भराई की रस्म थी।
मामला मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। क्षेत्र के एक गांव में दलित बस्ती के एक युवक को रिश्ते की भतीजी से प्यार हो गया था। दोनों के परिजनों को मामले की जानकारी होने पर भारी विरोध हुआ। युवक को चंडीगढ़ कमाने के लिए भेज दिया गया। इधर, कुछ माह बाद युवती की शादी तय कर दी गई। युवती की शादी सिकरारा थाना क्षेत्र के एक गांव मे तय कर दी गई। इसी बीच शनिवार को युवती की गोदभराई रस्म हुई। गोदभराई की सूचना चंडीगढ़ में जब प्रेमी चाचा को लगी तो वह तुरंत ट्रेन में सवार होकर घर पहुंच गया। घर से गोदभराई के बाद देर रात प्रेमिका भतीजी को लेकर फरार हो गया।
हालांकि कुछ ही घंटे में दोनों के परिजनों ने उन्हें ढूंढ निकाला। युवती की भागने की सूचना परिजनों को लगते ही दोनों की खोजबीन में लग गए। रविवार सुबह दोनों को बगल गांव के एक घर से बरामद किया गया। जिसके बाद युवक की जमकर दोनों परिजनों ने पीठ पूजा भी कर डाली। सूचना कोतवाली पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस दोनों को लेकर कोतवाली पहुंची।थाने पर क्षेत्रीय संभ्रांत नागरिको और परिजनों की घंटों तक पंचायत चली। चाचा भतीजी दोनों शादी की जिद पर अड़े रहे। ऐसा ना होने पर खुदकुशी की धमकी दे रहे थे।
आखिर इश्क के आगे ज़माना झुक गया। अंत में प्रधान और पुलिस के समझाने पर दोनों के परिजन विवाह के लिए राजी हो गए। आज सोमवार को चाचा-भतीजी की शादी कर दी गई। इसके पहले कोतवाली में भी दोनों के परिजनों में काफी बहस हुई। अंत में प्रधान व पुलिस के समझाने पर दोनों के परिजन विवाह के लिए राजी हो गए। मामले इस संबंध में वरिष्ठ उपनिरीक्षक राम प्रवेश कुशवाहा ने बताया कि मामला कोतवाली में आया था, लेकिन दोनों के परिजन विवाह के लिए राजी हो गए। इसलिए कोई विधिक कार्यवाही नहीं हुई है।