दुनिया के दिलो को धड़कन देने की मशीन बनाने वाले भारत के लाल अतुल पाण्डेय के दिल की रुकी धड़कन, परिजन कर रहे आख़िरी दीदार करने का इंतज़ार
तारिक खान
इंजिनियर अतुल पाण्डेय, महज़ 33 साल की उम्र में ही दुनिया के दिलो को धड़कना सिखाने के लिए मशीन पेस मेकर बनाने में महारत हासिल थी। दुनिया के दिलो को धड़कना सिखाने वाले इस भारत के लाल के दिल ने खुद धड़कना छोड़ दिया और जर्मनी के हैनोवर शहर में 11 दिसंबर को उसके खुद के दिल ने आखरी बार धड़क कर इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लखनऊ जानकीपुरम के रहने वाले अतुल पाण्डेय के परिजन अब अतुल पाण्डेय के आखरी दीदार का इंतज़ार कर रहे है। मिली जानकारी के अनुसार अतुल का देहांत कार्डिक अरेस्ट के कारण जर्मनी के हैनोवर शहर में हो गया है जहा वह अपनी पत्नी और मासूम बेटे के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि अतुल का पोस्टमार्टम होने के बाद उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारियां चल रही है।
बताया जा रहा है कि रोज़मर्रा के मामूर से अतुल ने अपने परिवार ख़ास तौर पर अपनी बहनों से वीडियो काल पर 10 बजे रात तक बात किया था। वीडियो काल रोज़ करना अतुल के रोज़मर्रा के मामूर में शामिल था। अतुल की पत्नी सौम्या और मासूम बेटे अर्श ने एक साथ रात का खाना खाया। इसके बाद अतुल की तबियत अचानक ख़राब होने लगी। अतुल बाथरूम जाते है और वह वही गिर पड़ते है। अतुल की पत्नी सौम्य अपने शौहर को लेकर अस्पताल जाती है। महज़ 10-15 मिनट के इस सफ़र में अतुल ने दुनिया को अलविदा कह दिया। अस्पताल पहुचने पर डॉक्टरों ने सौम्या को बताया कि अतुल की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो चुकी है। सौम्य का सुहाग उजड चूका था।
अतुल दुनिया के दिलो को धड़कन देने की मशीन तैयार करते थे। उनका खुद का दिल धड़कना बंद कर गया। 2012 में शादी होने के बाद अतुल और सौम्य को रब ने एक फुल जैसा बेटा अर्श दिया। अतुल जल्द ही जर्मनी छोड़ कर अपने मुल्क अपनी ज़मीन अपने मादर-ए-वतन आना चाहते थे। मगर किसको पता था कि अतुल वापस अपने मुल्क तो आएगा मगर सासे जर्मनी में ही छोड़ कर वापस आएगा। अतुल के पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी चल रही है। परिजन अपने लाल के आखरी दीदार का इंतज़ार कर रहे है।
परिजनों ने बताया कि 15 दिसंबर को अतुल का हैनोवर में पोस्टमार्टम हुआ। अभी तक उनकी डेड बॉडी घरवालों को नहीं मिल सकी है। भारतीय दूतावास लगातार उनके परिवार और हैनोवर प्रशासन दोनों के संपर्क में हैं। अधिकारी हर संभव मदद भी कर रहे हैं। घर वाले अतुल की डेड बॉडी को लखनऊ लाना चाहते हैं। इसके लिए तैयारी चल रही है। भारत के इस लाल का इंतज़ार मुल्क की सरज़मीन भी कर रही है। यहाँ की हवाए, यहाँ की फिजाए अतुल को आखरी सलाम कहना चाहती है। यहाँ की हवाए अतुल को अपने में बाहों में समा लेने का इंतज़ार बेकरारी से कर रही है। इसको रब की मर्ज़ी नही तो और क्या कहेगे कि जो दुनिया के दिलो को धड़कना सिखाता है, उसके खुद के दिल ने उसका साथ नही दिया।