पलिया तहसील उप निबंधक कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ताओं ने दिया ज्ञापन

फारुख हुसैन

पलियाकलां (खीरी)। उप-निबंधक कार्यालय तहसील पलिया में फैले भ्रष्टाचार को लेकर तमाम अधिवक्तओं ने एकत्र होकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन तहसीलदार आशीष कुमार सिंह को सौंपा। अधिवक्तओं ने उप- निबंधक कार्यालय पर तैनात तीन प्राइवेट कर्मियों व उप निबंधक पर घूस लेने का आरोप लगाया है। तहसील पलिया के अधिवक्ताओं ने दिए गए ज्ञापन के माध्यम से बताया कि उप निबंधक कार्यालय तहसील पलिया में एक ही परिवार के तीन सदस्य प्राइवेट कर्मी के रूप में लगभग 20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं।

उक्त प्राइवेट कर्मी प्रकाश पुत्र अज्ञात, दीपक पुत्र सुभाष व सचिन पुत्र प्रकाश एक संगठित गिरोह के रूप में कार्यालय को संचालित कर रहे हैं। उक्त कर्मियों को उप-निबंधक पलिया अनूप सिंह का पूरा संरक्षण प्राप्त है। इन प्राइवेट कर्मियों द्वारा अवैध तरीके से धन उगाही की जा रही है। यह लोग बिना घूस के कोई भी दस्तावेज पंजीयन नहीं करते है। वही उप-निबंधक द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है, उन्हीं के इशारे पर धन उगाही का खेल खेला जा रहा है। दस्तावेज पंजीयन कराते समय मालीयत का 1 से 1।5 प्रतिशत तक अतिरिक्त धन बेखौफ वसूला जा रहा है।

दस्तावेज पंजीयन कराने वाले पक्षकारों को फोन कर स्टांप कमी का डर दिखाया जाता है तथा उन्हें ब्लैकमेल कर धन वसूला जाता है। उप-निबंधक द्वारा एलानिया कहा जाता है कि बिना अतिरिक्त धन लिए दफ्तर को चलाया नहीं जा सकता, बहुत सारे खर्चे करने पड़ते हैं। इसका बटवारा ऊपर के अधिकारियों तक होता है। उप-निबंधक द्वारा तमाम ऐसी परती पड़ी जमीनों का बैनामा कृषिक मालियत में किया गया जिसमें पंजीयन होने के तुरंत बाद भू माफियाओं द्वारा प्लाटिंग भी की गई। परंतु उपनिबंधक द्वारा किसी भी प्रकार की कोई जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को नहीं भेजी गई और न ही कोई स्टांप कमी का कोई बात संस्थित कराया गया क्योंकि उक्त समस्त कार्य उपनिबंधक की मिलीभगत से किए जाते हैं।

उप-निबंधक एवं प्राइवेट कर्मियों द्वारा सरकार की साफ-सुथरी छवि को धूमिल किया जा रहा है। इसलिए हम सभी अधिवक्तागण ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हैं कि कार्यालय में कार्यरत भ्रष्टाचार में लिप्त तीनों प्राइवेट कर्मियों को हटाकर अन्य कर्मियों की नियुक्ति एवं उप-निबंधक के कार्यों की जांच करा कर विधिक कार्रवाई करने की जाए। अन्यथा अधिवक्ता गण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उपनिबंधक पलिया की होगी।

इस दौरान एडवोकेट जगदीश सोनी, अरुण अवस्थी, सुरेश कुमार ओझा, रामचंद्र गौतम, भागीरथ, राम प्रकाश पाल, कौशल किशोर, शिव कुमार पाल, विजय कुमार, बसंत प्रजापति, श्रीष दिवेदी, प्रमोद कुमार, मोहम्मद वसीम, फजल अहमद, रंजीत गुप्ता, मधुसूदन तिवारी, बालमुकुंद शुक्ला, राम भगत, राम नरेश, जगदीश गौतम, दिनेश दीक्षित, राजीव भार्गव, रामू त्रिवेदी, भानु प्रताप, गजेंद्र राणा, रवि मौर्या, शारदा प्रसाद राणा, कमलेश कुमार, जावेद अख्तर व एडवोकेट रविंद्र शर्मा मौजूद रहे।

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