वाराणसी: पोस्ट हुई वायरल कि दारानगर के पास एक मकान की छत पर लगा है पाकिस्तान का झंडा, पुलिस पहुची तो देखा लगा है धार्मिक झंडा
शाहीन बनारसी
वाराणसी। सोशल मीडिया पर अफवाह फैला कर किसी के इज्ज़त से खेलना आम बात होती जा रही है। आज ऐसी ही एक पोस्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी के साथ वायरल हुई कि जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित दारानगर के शेषमन बाज़ार में एक मकान पर पाकिस्तानी झंडा लगा है। अब मकान अल्पसंख्यक समुदाय का था तो आग में घी डालने वालो की कमी तो होनी नही है। सुचना पुलिस को मिली तो पुलिस के भी हाथ पाँव फुल गए। तत्काल थाना प्रभारी निरीक्षक प्रभुकांत मौके पर अपने दल बल के साथ पहुचे।
पुलिस ने उस मकान से वह झंडा उतरवाया तो पाया कि ये धार्मिक झंडा है। झंडे को पुलिस मकान के बाहर लेकर आई और खोल कर लोगो को दिखा कर उसके सम्बन्ध में तस्दीक भी किया कि ये झंडा पाकिस्तान का नहीं बल्कि धार्मिक झंडा है। दरअसल मुस्लिम समुदाय में लोग 12 रबियुलअव्वल के रोज़ अपने घरो और दुकानों पर हरे रंग का धार्मिक झंडा लगाते है जिसके ऊपर चाँद और तारा बना होता है। ये वही झंडा था मगर अफवाहों का क्या है ? उड़ा दो परेशान होने के लिए पुलिस तो है ही।
काफी बड़ा फर्क है पाकिस्तानी झंडे और इस्लामिक झंडे में
ये कोई पहली घटना ऐसी अफवाहों की प्रदेश में नही है। हाँ ये ज़रूर है कि इस तरीके की अफवाह अपने शहर में पहली बार उडी है। दरअसल पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे का रंग हरा है और इसके बाए तरफ यानी डंडे के तरफ 25 फीसद हिस्सा पूरा सफ़ेद है। पाकिस्तान के झंडे में हरे रंग के तरफ सफ़ेद रंग का चाँद तारा बना हुआ है। अमूमन इसको उल्टा चाँद कहा जाता है। जिसमे चाँद का मुह ऊपर के तरफ दाहिने हिस्से में 30 डिग्री पर झुका होता है।
वही इस्लामिक झंडे का पूरा रंग हरा होता है। इसके बीच में चाँद तारा रहता है जिसका चाँद भी 60 डिग्री झुका होता है। दरअसल पाकिस्तान के झंडे में सफ़ेद रंग होता है जबकि इस्लामी झंडे में सफ़ेद रंग नही होता है। इन दोनों का एक बड़ा फर्क दोनों झंडो में है। अमूमन लोग इसको समझते भी है। मगर समाज में सनसनी फैलाने वालो को फर्क से मतलब नही होता है केवल उनका उद्देश्य सनसनी फैलाना होता है।
मौके पर ही हुई जाँच, निकली कोरी अफवाह
बहरहाल, इस मामले में पुलिस ने हर तरीके से जाँच किया और जाँच में साफ़ साफ़ ये पता चला कि झंडा पाकिस्तानी न होकर बारावफात के पर्व यानी 12 रबियुल अव्वल के रोज़ लगाया जाने वाला झंडा है। इंस्पेक्टर जैतपुरा प्रभुकान्त ने बताया कि जांच करने पर मामला गलत निकला। अभी आसपास के लोगों को क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई है। क्षेत्र में शांति का माहोल है। पुलिस की सूझबुझ से मामले में कोई नाटकीय मोड़ नही आ सका और न ही नफरत फैलाने वालो को कोई मौका मिल सका कि नफरतो को वह फैला सके। पुलिस जांच के समय जनता द्वारा बनाया गया वीडियो अब वायरल हो रहा है।