रीता बहुगुणा के सपा से बढती नजदीकियों की चर्चा के बीच आया दिल्ली से बुलावा ?
तारिक खान संग शाहीन बनारसी
उत्तर प्रदेश की सियासत में चल रहे उतार चढ़ाव के दौर के दरमियान आज भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी की सपा से बढती नजदीकियों की चल रही चर्चाओं के बीच आज भाजपा आई कमान ने सांसद को दिल्ली बुलावा भेजा है. बताते चले कि बुधवार को सोशल मीडिया में एक खबर चली कि सांसद रीता बहुगुणा जोशी समाजवादी पार्टी के संपर्क में हैं। खबर यह भी चली कि सांसद ने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों तक संदेश पहुंचाया है कि अगर उनके पुत्र मयंक जोशी को लखनऊ कैंट से टिकट न मिला तो उनके पास दूसरे विकल्प हैं। हालांकि रीता बहुगुणा के मीडिया प्रभारी ने इन बातों को महज अफवाह बताया है।
दरअसल रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रहीं हैं। कांग्रेस में रहते हुए पहली बार वर्ष 2012 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से भाजपा के सुरेश तिवारी को शिकस्त दी थी। इसके बाद वर्ष 2017 में भाजपा में शामिल होने के बाद वह इस सीट से दोबारा विधायक चुनीं गईं और योगी मंत्रिमंडल में वह कैबिनेट मंत्री भी बनीं।
इन दोनों ही चुनाव में उनका पूरा चुनाव प्रबंधन पुत्र मयंक जोशी ने ही संभाला। 2019 में जब वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रयागराज आईं तो उन्होंने संगठन से वह सीट पुत्र मयंक जोशी को देने की वकालत की, लेकिन बाद में उक्त सीट से सुरेश तिवारी को ही पार्टी ने उपचुनाव में खड़ा किया। सांसद बनने के बाद भी मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में उनकी जगह अजय मिश्र टेनी को शामिल कर लिया गया। इससे रीता समर्थकों में काफी नाराजगी रही।
अब अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव में रीता को उम्मीद है कि पार्टी उनके पुत्र के नाम पर विचार करेगी, लेकिन इस बीच डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के उक्त सीट से चुनाव लड़ने की खबर सुर्खियों में है। डॉ. दिनेश शर्मा का नाम सामने के बाद सपा में इस बात की चर्चा ज्यादा है कि रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे को साइकिल की सवारी करवा सकती हैं।
उधर सांसद रीता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंच गईं हैं। रीता के मीडिया प्रभारी अभिषेक शुक्ला का कहना है कि सांसद को लेकर जो बातें सामने आई हैं, वह महज अफवाह है। अभिषेक के अनुसार सांसद का राष्ट्रीय नेतृत्व में पूर्ण विश्वास है। रही बात मयंक जोशी के टिकट को लेकर तो रीता जोशी का पूरा परिवार राजनीति से ही जुड़ा है। ऐसे में टिकट मांगना उनका अधिकार है।
उधर सांसद फूलपुर केशरी देवी पटेल ने भी अपने पुत्र दीपक पटेल के लिए करछना से टिकट दिए जाने की मांग की है। केशरी का मानना है कि दीपक पटेल कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। महज 25 वर्ष की आयु में दीपक पहली बार बसपा के टिकट पर करछना से विधायक भी बन चुके हैं।
करछना क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ भी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर भी उन्हें पूरा भरोसा है। हालांकि विपक्षी दलों की ओर से लगातार यही कहा जा रहा है कि अगर भाजपा ने दीपक पर भरोसा न जताया तो केशरी कोई बड़ा कदम उठा सकती हैं। हालांकि दीपक पटेल ने स्पष्ट किया है कि वह भाजपा में ही हैं और भाजपा में ही रहेंगे।
बसपा, कांग्रेस आदि दलों में रह चुके कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी द्वारा कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उसके बाद दारा सिंह चौहान द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद जिस तरह से त्वरित टिप्पणी की गई उसके राजनीतिक हलके में तमाम मायने निकाले जा रहे हैं।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि नंदी यह जानते हैं कि उन्हें कब क्या करना है। बीते कुछ माह से वह खुद को प्रदेश के बड़े वैश्य नेताओं में शामिल करने की नीति पर काम कर रहे हैं। इसी वजह से कानपुर में आठ जनवरी को उन्होंने ‘आगाज ’ कार्यक्रम करवाया। उनकी तैयारी विधानसभा चुनाव में अपने कुछ करीबियों को टिकट दिलवाने की है।