वायरल तस्वीर देख चौके नहीं, खाकीधारी हु, गर्दन में दर्द हो रही है, चल पैर दबा तू……!

संजय ठाकुर

मुरादाबाद। खाकी पहन कर रौब नही जमाया तो और क्या जमाया। गर्दन में दर्द हो रही है तो पाँव दबवा लिया जाता है। आप थोडा क्रोनोलाजी को समझे। गर्दन में दर्द होने पर गला तो दबवाया नही जा सकता है। गर्दन में दर्द है आखिर तो वर्दी पहन कर ड्यूटी के वक्त पाँव दबवा सकते है। कौन रोकेगा ? खाकी है बदन पर। नही समझ सके आप तो तस्वीर देखे और खुद समझ जाए।

खाकी का रौब देखना है तो कोतवाली संभल में देखें। बुधवार को यहां कार्यालय में बैठकर महिला दरोगा शबनम अपने पैर दबवाती दिखीं। उन्होंने अपने पैर को उस कुर्सी पर रखा था, जिस पर पैर दबाने वाला व्यक्ति बैठा था। इस दौरान उन्होंने एक शिकायतकर्ता से बातचीत की तो सामान्य तरीके से किसी से फोन पर भी बातचीत भी किया।

इस दृश्य की चर्चा गहराने के साथ कहा गया कि जो व्यक्ति महिला दरोगा के पैर दबा रहा है वह उत्तराखंड के हल्द्वानी का रहने वाला है। इस बाबत पूछने पर महिला दरोगा शबनम ने कहा कि उनकी गर्दन में दर्द था इसलिए वह एक्यूप्रेशर विधि से उपचार करा रही थीं। जो व्यक्ति आया था वह लोगों के दर्द का उपचार करता है। मैंने भी करा लिया।

अब मैडम को कौन कहे कि ड्यूटी के समय खुद के लिए वक्त वो निकाल तो सकती है, मगर पुलिस मैनुअल इसकी इजाज़त नही देता है। वैसे मैडम जब बरेली में तैनात थी तो वह भी उन्होंने काफी चर्चा बटोरी थी। उनके ऊपर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा भी चल चूका है। अब ऐसे स्थिति में कौन हिम्मत जुटाएगा मैडम से सवाल पूछने की।

वही दूसरी ओर कोतवाल साहब मामला संज्ञान में नहीं होने की बात कह रहे हैं। अब कोतवाल साहब की भी मान लिया जाता है कि उनको मामला संज्ञान में नहीं है। कल से ही वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, पुरे प्रदेश में पुलिस विभाग की ऊपर लोग कमेन्ट कर रहे है। मगर कोतवाल साहब कहते है तो उनकी मानना पड़ेगा कि उनको मामला संज्ञान नही है।

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