वाराणसी: व्यापारी अधिकार के लिए संघर्ष का प्रतीक रहे जियाउद्दीन खान ने कहा इस दुनिया को अलविदा, लम्बे समय से थे बीमार
तारिक आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के व्यापारिक इलाके बेनिया-नई सड़क-दालमंडी स्थित व्यापारियों के अधिकारों हेतु हमेशा संघर्षशील रहने वाले जियाउद्दीन खान ने आज सुबह इस दुनिया-ए-फानी से अलविदा कह दिया। व्यापारियों में जियाउद्दीन चचा के नाम से मशहूर व्यापारी नेता पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। वह हाई सुगर से पीड़ित थे।
बेनिया-नई सड़क-दालमंडी के व्यापारियों पर होने वाले किसी भी उत्पीडन में मुखर होकर अपनी आवाज़ उठाने के लिए जियाउद्दीन खान मशहूर थे। उन्होंने व्यापारियों के हितो की कई लडाइयां लड़ी है। शासन प्रशासन को समय समय पर व्यापारियों की समस्याओं से अवगत करवाते हुवे उन समस्याओं के निस्तारण करवाने के लिए संघर्ष करने वाले जियाउद्दीन खान ने अपनी पूरी उम्र व्यापारी हितो के नाम कर रखा था।
उनके परिवार में उनका एक बेटा उनके कारोबार को काफी समय से संभालता आ रहा है। परिवार में जियाउद्दीन खान के एक बेटा, एक बेटी है। पिछले कुछ वर्षो से उम्र की वजह से उनके जिस्म से “शकर” ने खिलवाड़ करना शुरू कर दिया था। लम्बे समय तक इलाज के दरमियान भी वह व्यापारियों के सेवा और उनके हितो के लिए संघर्ष करने के लिए भागदौड़ करते रहते थे। पिछले कुछ समय से वह लगातार बिस्तर पर थे। आज बुद्धवार की सुबह उन्होंने इस दुनिया-ए-फानी से रुखसत कह दिया।
वह स्थानीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष भी थे। शाम बाद नमाज़ इशा उन्हें पियरी स्थित पुश्तैनी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। सुबह से ही उनके आवास पर उनके आखरी दीदार को व्यापारियों सहित शहर के संभ्रांत नागरिको का तांता लगा हुआ था। दुनिया के आखरी चंद कदमो के सफ़र में भी लोग हमसफर बनने और मय्यत को कन्धा देने के लिए व्याकुल दिखाई दिए। PNN24 न्यूज़ रब की बारगाह में उनकी दुआ-ए-मगफिरत करता है और परिवार को सब्र अता करने की दुआ करता है।