बावनी सरदार पुत्र फैसल महतो द्वारा वायरल अजीब-ओ-गरीब पोस्ट और वीडियो पर बोल शाहीन कि लब आज़ाद है तेरे: कमाल करते हो जूनियर महतो साहब आप भी, थोडा सोच भी लिया होता 

शाहीन बनारसी

वाराणसी। बुनकर समुदाय में सरदार और महतो का महत्व होता है। खानदानी पीढी दर पीढ़ी चलने वाली इस प्रथा में सरदार और महतो के द्वारा किये गए कार्यो का अनुसरण भी समाज करता है। मगर इसी समाज में कुछ तुच्छ मानसिकता के भी लोग होते है। सरदारी पर बात करे तो पुरे बनारस जनपद में सबसे बड़ा पद बावनी के सरदार का होता है जो वर्त्तमान में मदनपुरा निवासी हाजी मुख़्तार महतो है। हाजी मुख़्तार महतो के अधिकतर कार्य उनके पुत्र बॉडी बिल्डर फैसल महतो ही करते है। ऐसे गंभीर पद पर रहने के बाद भी समाज में ओछी हरकत कर देना ऐसे लोगो को कितना शोभा देता है ये हमको और आपको सोचना है।

आज सुबह बावनी के सरदार पुत्र फैसल महतो एक वीडियो के साथ विवादित पोस्ट वायरल कर बैठे है। जूनियर महतो के नाम से जाने जाने वाले फैसल महतो का खुद का भी समाज में काफी स्थान है। जूनियर महतो साहब ने एक वीडियो वायरल किया जिसमे एक युवक और एक युवती कथित रूप से एक होटल के अन्दर जा रहे है। जुनियर महतो साहब ने इस वीडियो को सांप्रदायिक रूप देते हुवे इसमें युवक को एक संप्रदाय का और युवती को दुसरे संप्रदाय का घोषित करते हुवे दोनों के फोटो और वीडियो को वायरल करने हुवे सबसे इसको और भी वायरल करने की गुज़ारिश किया है।

अब सवाल ये उठता है कि दो बालिग़ अपने फैसले करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे में फैसल महतो कौन होते है युवती के इज्ज़त से खेलवाड़ करने वाले। सबसे बड़ी बात तो ये है कि आखिर फैसल महतो कैसे इस बात को जान रहे है कि युवती किसी और संप्रदाय की है और युवक किसी अन्य सम्प्रदाय का है। युवती ने नॉर्मली दुपद्दा, शलवार, जम्पर पहना है और मास्क लगाया हुआ है। फिर कैसे फैसल महतो को आखिर पता चला कि वह युवती अमुक संप्रदाय की है। किसी भी सम्प्रदाय की युवती हो, सवाल ये उठता है कि उसके किसी व्यक्तिगत कार्यो को समाज में दुसरे रूप में पेश करके उसको रुसवा करने का ठेका आखिर जूनियर महतो जी को किसने दिया है। उनको कैसे पता कि युवक और युवती उस होटल में कुछ गलत करने के लिए जा रहे है। ऐसा भी तो हो सकता है कि किसी मुद्दे पर डिस्कशन करने के लिए उस होटल में स्थित रेस्टुरेंट में जा रहे हो।

इस सम्बन्ध में हमने फैसल महतो के मोबाइल पर उनसे संपर्क करने का प्रयास किया तो महतो साहब का काफी लम्बे समय तक नम्बर व्यस्त था। जूनियर महतो साहब ने हमारे सवालो के जवाब में कहा कि ग्रुप में आया तो वायरल कर दिया था। वैसे तो जूनियर महतो साहब के पास हमारे सवालो का जवाब नही था। मगर फिर भी उन्होंने इस बात को मंज़ूर किया कि इस प्रकार के पोस्ट वायरल करना गलत है। चलिए देर से ही सही दुरुस्त तो आये जनाब जूनियर महतो साहब।

दरअसल महतो साहब मैं भी एक बेटी हु और बेटी की अस्मत को समझती हु। आपने खुद के द्वारा किये गए अपने कृत्य को ये कहकर तो खत्म कर दिया कि “हाँ ऐसा नही होना चाहिए।” मगर जिस प्रकार से आपने वीडियो वायरल किया है वह एक बेटी की अस्मत को ठेस पहुचाता है। जो मुझ जैसी बेटी के लिए नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है। आपकी मुझसे कही हुई एक “सॉरी” आपके उस कृत्य को कम नही कर सकती है।

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