महज़ 24 घंटे और भाजपा को दो दो बड़े झटके, जाने दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से क्या पड़ सकता है सियासत पर बड़ा फर्क
शाहीन बनारसी
डेस्क। उत्तर प्रदेश भाजपा ने इस्तीफों का दौर चल रहा है। महज़ 24 घंटो के अन्दर ही भाजपा को दो ऐसे बड़े झटके लगे है जो सियासी भूचाल मचाने के लिए काफी है। पहला झटका कल स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए इस्तीफे के बाद लगा था। मौर्या समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या का प्रभाव उनके ही नही बल्कि आस पास के क्षेत्रो में भी। मौर्या समाज के बड़े नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद अभी भाजपा संभल भी नही पाई थी कि दूसरा बड़ा झटका दारा सिंह चौहान के रूप में लगा है।
सरकार में वन, पर्यावरण एवं जन्तु उद्यान मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों के साथ के प्रति उपेक्षात्मक रवैया अपनाया गया है। उन्होंने योगी सरकार पर दलितों व पिछड़ों के आरक्षण से खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन भेज दिया है।
अब अगर इस्तीफे के शब्दों पर ध्यान दे तो साफ़ साफ इसके शब्द और इस्तीफ़ा देना का कारण वही सामने दिखाई दे रहा है जो स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे में था। उनका भी आरोप कुछ ऐसी ही था कि सरकार पिछडो, वंचितों, दलितों के आरक्षण से खिलवाड़ कर रही है। यह दलित, पिछडो के अधिकार से सम्बंधित मामलो को लेकर दिया गया इस्तीफ़ा था। अब अगर ध्यान दे तो दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद उनके भी सपा में शामिल होने की संभावनाओ की अटकले लगने लगी है।
इन अटकलों को अगर ध्यान में रखे तो ये भी ध्यान देने वाली बात होगी कि दारा सिंह चौहान अपने समाज में बड़े नेता के रूप में माने जाते है। चौहान समाज में इनकी बढ़िया पकड़ होने के वजह से इनका प्रभाव लगभग 20 विधानसभा पर पड़ेगा। मधुबन सीट पर इन्होने जीत हासिल कर भाजपा के खाते में पहली बार इस सीट पर जीत नसीब करवाया था। वैसे इनकी पसंदीदा सीट घोसी विधानसभा सीट है। वही भाजपा इस डैमेज कंट्रोल के लिए भी प्रयास कर रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार दारा सिंह चौहान को दिल्ली का बुलावा भी आया है।
बताते चले कि इसके पहले बुधवार को ही मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पार्टी छोड़ आरएलडी में शामिल हो गए हैं। अवतार चार बार के सांसद रहे हैं। बुधवार सुबह उन्होंने आरएलडी चीफ जयंत चौधरी से मुलाकात की। इसकी तस्वीर भी जयंत ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस झटके से भी भाजपा अभी ग़मगीन मुद्रा में होगी। वैसे सियासी जानकारों की बात करे तो दारा सिंह चौहान, स्वामी प्रसाद मौर्या और अवतार सिंह भडाना के रूप में भाजपा को एक बड़ा झटका लग चूका है। वही दुसरे तरफ सपा नेताओं का दावा है कि अन्य लगभग तीन दर्जन विधायक भाजपा के उनके सम्पर्क में है। शायद सियासत पल पल रंग बदल रही है।