वाराणसी जलकल विभाग की जय हो: खबर का होता है टेम्परेरी असर, फिर बहने लगा पाण्डेय हवेली-मदनपुरा रोड पर पानी, 20 दिनों से ठीक नही कर पा रहे जेई साहब दालमंडी में चार जगह का लीकेज
ए0 जावेद
वाराणसी। जॉन एलिया साहब का एक शेर याद आ रहा है कि “हालत-ए-हाल का सबब, हालत-ए-हाल ही गई, शौक में कुछ नही गया, शौक की ज़िन्दगी गई।” बस ऐसे ही हमको शौक उठा कि जन समस्याओं को उठाया जाए तो जन समस्याओं ने अपने मुह बा दिए। वो भी ऐसा मुह बाया कि खरपत्तु की चद्दर हो जैसे। सर ढको तो पाँव खुला और पाँव ढको तो सर खुला। दास्तान-ए-नगर निगम की कहानी कुछ ऐसी चली कि पूरी फिल्म की रील आकर जलकल पर अटक गई है। एक समस्या निस्तारित नही होती है दूसरी सामने खडी रहती है।
चलिए आज की समस्या बताते है। असल में ये समस्या पुनः जन्म लेकर आ गई है। नवम्बर माह से पाण्डेय हवेली-मदनपुरा की रोड पर भवन संख्या डी।28/83 के सामने मुख्य 24 इंच की पानी सप्लाई पाइप लाइन फटी पड़ी थी। इस पाइप लाइन से लाखो लीटर पीने का पानी ज़ाया हो गया। हमारे संज्ञान में मामला आया तो हम ठहरे निरीह पत्रकार। सीधे साधे पत्रकार होने के नाते हमने इस मामले में खबर 3 दिसंबर को प्रकाशित किया। खबर का असर भी हुआ और समाचार प्रकाशन के ठीक दुसरे दिन 4 दिसम्बर को समस्या का निस्तारण हो गया तथा पाइप लाइन दुरुस्त हुई।
पानी का लीकेज बंद हुआ और समस्या का निस्तारण हुआ। जनता भी खुश और हमको भी ख़ुशी हुई कि मेहनत सूल हुई। जनता ने हमको धन्यवाद् कहा साथ ही स्थानीय पार्षद इशरत परवीन ने हमारा आभार व्यक्त करते हुवे जमकर हमारी तारीफ किया था। तारीफ इतनी किया कि सच में हमको शर्म आने लगी। हम भी गुरु चौड़े हो गए कि चलो जनसमस्या का निस्तारण तो हो ही गया। हमारी ख़ुशी कोई टिकाऊ नही रह सकी। एक महिना गुज़रे चंद दिन ही और हुवे थे कि 28 जनवरी को ये पाइप लाइन दुबारा आंसू बहाने लगी। सच बताता हु गुरु अगर नेता होता तो कम से कम ये कहता कि समस्या का निस्तारण करवा दिया अब फिर समस्या आई है तो फिर निस्तारण करवाऊंगा। मगर क्या करू, नेता तो हु नही।
28 जनवरी को ये पाइप लाइन किसी रौंदू बच्चे के तरह फिर से रोने लगी। अब तीन दिन से पानी दुबारा सडको पर बह रहा है। हैवी वाटर सप्लाई वाले 24 इंच के पाइप से होता लीकेज एक बार फिर से समस्या बन गया है। स्थानीय पार्षद इशरत परवीन ने हमसे बात करते हुवे कहा कि आपकी खबर का असर हुआ था और महीनो से रुका हुआ काम हुआ। मगर समस्या दुबारा खडी हो गई है। लिखित शिकायत सम्बन्धित अधिकारियो को उसी दिन दे दिया गया था, मगर आश्वासन मिला है काम नही हुआ है।
क्या कहती है स्थानीय जेई चन्दन
हमने इस सम्बन्ध में जेई चन्दन से बात किया तो उन्होंने हमको समस्या का मूल बताया। उन्होंने हमको बताया कि 24 इंच की पाइप लाइन असल में लगभग 2 फिट अधिक दब जाने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है। इस पाइप लाइन में पानी की सप्लाई अधिक होती है। जिसके कारण भारी पानी का बोझ रहता है। इस समस्या का इस बार पूरी तरह से निस्तारण जल्द ही कर लिया जायेगा। मैं खुद इस समस्या के निस्तारण हेतु चिंतित हु। जल्द ही समस्या का समाधान निकाल लिया जायेगा। अभी समय सीमा कोई बताना जल्दबाजी होगी। बस इतना ही कह सकती हु कि इस बार समस्या का निस्तारण पूरी तरीके से होगा।
दालमंडी में 20 दिनों से अधिक पाइप लाइन लीकेज पर जेई नही है गंभीर
इसी क्रम में दालमंडी मुख्य मार्ग पर चार जगह पाइप लाइन लीकेज है। इस सम्बन्ध में एक सप्ताह पहले भी सभी के नज़रिए और सम्बन्धित जिम्मेदारो के बयान लेकर हमने खबर का प्रकाशन किया था। उस समय जेई आन्नद गौरव ने हमको आश्वासन दिया था कि तीन दिनों के अन्दर सभी चार लीकेज ठीक हो जायेगे। मगर साहब का आश्वासन है। आश्वासन का क्या है साहब होते रहते है। आश्वासन देने में पैसे थोड़ी लगते है। बस जबान हिलाओ और आश्वासन दे दो।
ऐसा ही आश्वासन जलकल के जेई साहब आनंद गौरव ने हमको दिया था। आश्वासन के बाद हम भी इंतज़ार कर रहे है और क्षेत्रीय नागरिक भी इंतज़ार कर रहे है। मगर आश्वासन पूरा नही हुआ। क्षेत्रीय पार्षद मोहम्मद सलीम ने हमसे बात करते हुवे कहा कि एक-एक लीकेज के लिए जूझना पड़ता है। बार-बार शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी काम नही होता है। कई बार पत्रक और धरना देने तक की नौबत आ चुकी है। मगर स्थानीय जेई सिर्फ आश्वासन देते है। हम उनके आश्वासन पर जनता को जवाब देते है। जनता हमसे सवाल करती है। उसका अधिकार है कि सवाल करे। हम अधिकारियो द्वारा दिले आश्वासन पर जनता को जवाब देते है। मगर आश्वासन पूरा नही होता है।
क्या कहते है जेई आनंद गौरव
हमने इस सम्बन्ध में स्थानीय जेई आनंद गौरव को कॉल किया और उनके आश्वासन की याद उनको ही दिलाते हुवे दहकता हुआ सवाल पूछ डाला जिस पर उन्होंने बड़े ही नर्म स्वाभाव के साथ हमको एक और आश्वासन दे डाला कि कल पहली फरवरी है। सभी बिल बनते है। कल व्यस्तता अधिक रहेगी और परसों यानी बुद्धवार को काम हो जायेगा। हमने पिछले आश्वासन की बात किया तो कहने लगे कि मौसम की तल्खी के कारण काम नही हो पाया। परसों निश्चित रूप से चारो लीकेज ठीक कर दिए जायेगे।
बहरहाल, हमारे पास उनके शब्दों पर विश्वास करने के अलावा और कोई रास्ता तो है भी नही। “तेरे वायदों पर करके भरोसा, क्या से क्या हो गए” का गाना मन में गुनगुनाते हुवे अपनी कलम से खबर लिख रहे है। अब देखना है कि आनंद बाबु इस बार अपने वायदे को वफ़ा करते है अथवा हमसे किये वायदे को तोड़ देते है। ये तो आने वाला बुद्धवार ही बतायेगा। तब तक “इन्तेहा हो गई इंतज़ार” की गाया जा सकता है।