हिंदूवादी संगठन के नाम पर हाथो में नंगी तलवार लेकर वाराणसी में निकला ये कैसा जुलूस ? तस्वीरे हो रही सोशल मीडिया पर वायरल
शाहीन बनारसी
वाराणसी। हाथो में नंगी तलवार, तेज़ आवाज़ में डीजे पर विवादित गाना। अल्पसंख्यक इलाका मुख्य निशाने पर। ख़ास तौर पर भीड़ वाले स्थानों पर रुक कर नारे लगाना कि “काशी में रहना है तो राम राम कहना है”। इन सबके बावजूद भी वाराणसी प्रशासन के द्वारा ऐसे जुलूसो पर किसी तरीके से कोई रोक नही किया जाना आज शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वही दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर इस जुलूस की तस्वीरे और वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है।
बताते चले कि आज एक हिंदूवादी संगठन के द्वारा किसी प्रकार का बाइक जुलूस आयोजित हुआ था। जुलूस कहा से निकला और कहा गया। इसकी बहुत जानकारी हमारे पास उपलब्ध नही है। मगर ये जुलूस मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में ख़ास तौर पर घुमा। कई युवाओं के साथ सोशल डिस्टेंस और डिजास्टर मैनेजमेंट को ताख पर रख कर निकला जुलूस शहर में जमकर घुमा। जुलूस के साथ चल रहे डीजे में विवादित गाना बज रहा था। हर एक नुक्कड़ पर जुलुस में शामिल युवक गाडी से उतर कर नारेबाजी कर रहे थे।
इस जुलूस की तस्वीरे अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। तस्वीरो को देख कर ऐसा लगता है कि संगठन के नाम पर खुल्लम खुल्ला बाहुबल का दिखावा हो रहा है। शहर के विभिन्न इलाको से होकर गुज़रे इस बाइक जुलूस में नंगी तलवारे लेकर चलते युवको पर क्या प्रशासन की नज़र नही पड़ी ये बड़ा सवाल आज दोपहर से सोशल मीडिया पर तैर रहा है। सोशल मीडिया पर तस्वीरो को साझा करते हुवे सेक्युलर और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग इसको लेकर सवाल भी उठा रहे है।
जिस प्रकार से यह जुलूस निकला और जैसे इस जुलूस में विवादित नारे लगाये गए वह कभी भी माहोल ख़राब कर सकता है। इस सम्बन्ध में वाराणसी के बुनकर बिरादरान के 52नी सरदार मुख़्तार महतो के पुत्र फैसल महतो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वाराणसी प्रशासन से सवाल उठाया है कि इनके ऊपर कार्यवाही क्यों नही हुई। शहर के सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीरे सवालों के साथ साथ शंकाओं को भी बल दे रही है।