चलेगी 400 वन्देभारत ट्रेन, टैक्स स्लैब में कोई छुट नही, क्रिप्टो करेंसी की आय पर लगेगा 30 फीसद टैक्स, पढ़े बजट में पेश हुई अब तक की मुख्य बाते
तारिक़ आज़मी
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश कर रही है। डिजिटल बजट पेश कर रहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 के बाद से सरकार का ज़ोर नागरिकों विशेषकर गरीबों को सशक्त करने पर है। गरीबों की क्षमता बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि अगले 3 सालों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदेभारत ट्रेनें लाई जाएंगी। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अब तकनीक से जुड़े विकास पर सरकार का ध्यान है। हम चुनौती उठाने की मज़बूत स्थिति में हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि यह अगले 25 साल की बुनियाद का बजट है। आधुनिक बुनियादी ढांचे पर निवेश की योजना है। इस बजट में आम निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
अभी तक बजट से सम्बन्धित मुख्य बाते निम्न रही है:
- PM गति शक्ति मिशन से मजबूती मिलेगी: वित्त मंत्री
- केमिकल मुक्त खेती को बढ़ावा देंगे: वित्त मंत्री
- MSP पर किसानों से खरीद की जाएगी: वित्त मंत्री
- आईटी और निजी सेक्टर को बढ़ावा देंगे: वित्त मंत्री
- किसानों से रिकॉर्ड खरीद की जाएगी: वित्त मंत्री
- साल 2023 मोटा अनाज वर्ष घोषित: वित्त मंत्री
- तिलहन उत्पादन बढ़ाने का अभियान: वित्त मंत्री
- ऑर्गेनिक खेती पर सरकार का जोर: वित्त मंत्री
- 5 नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा: वित्त मंत्री
- सिंचाई-पेयजल सुविधा बढ़ाने पर जोर: वित्त मंत्री
- 16 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी: वित्त मंत्री
- क्लीन एनर्जी हमारी प्राथमिकता: वित्त मंत्री
- युवाओं के कौशल का विकास करेंगे: वित्त मंत्री
- डिजिटल सर्विस पर जोर देना प्राथमिकता: वित्त मंत्री
- हर एक चुनौती के लिए हम तैयार हैं: वित्त मंत्री
- एलआईसी का आईपीओ जल्द आयेगा: वित्त मंत्री
- मिलेगी 60 लाख नई नौकरिया: वित्त मंत्री
- जल्द जारी होगा ई-पासपोर्ट, माइक्रो चिप से होगा लैस: वित्त मंत्री
- टैक्स फिलिंग में गलती सुधारने का दो साल का अवसर: वित्त मंत्री
- कॉरपोरेट सरचार्ज 12% से घटाकर 7% किया जाएगा: वित्त मंत्री
- वर्चुअल डिजिटल असेट से होने वाली आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा: वित्त मंत्री
- राज्य सरकार को भी 14% टैक्स राहत: वित्त मंत्री
- रिजर्व बैंक 2022-23 तक अपनी डिजिटल करेंसी लाएगा।इसके लिए ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा: वित्त मंत्री
- फसल का मूल्यांकन करने, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा: वित्त मंत्री
- 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबे 8 रोपवे प्रोजेक्ट के लिए कांट्रैक्ट दिए जाएंगे: वित्त मंत्री
- पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख मकान बनाए जाएंगे। इनके लिए 48 हजार करोड़ रुपये का फंड रखा गया है: वित्त मंत्री
- रिकॉर्ड 1,40,986 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह जनवरी में मिला: वित्त मंत्री
- इस बार भी आयकर में कोई छूट नहीं दी जाएगी: वित्त मंत्री
- अब टैक्स के दायरे में आएंगी क्रिप्टोकरेंसी। आमदनी पर देना होगा 30 फीसदी का टैक्स: वित्त मंत्री
बजट के बीच शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी देखी जा रही है। महामारी और उसके पहले से चली आ रही चुनौतियों से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों को तेज करने पर सरकार का जोर होगा।आम बजट पर पूरे देश की नजर रहती है। बजट की घोषणाएं, राहत वगैरह में लगभग सभी की नजरें रहती हैं। लेकिन कुछ छोटी-छोटी सी दिलचस्प चीजें भी होती हैं, जिनपर हमारा ध्यान जरूर जाता है। यहां हम बजट को पेश करने के सरकार के अंदाज की बात करे तो खासकर, पिछले कुछ सालों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को कैसे कैरी किया है, इसपर खूब चर्चा हुई है। और ये दिलचस्प बात भी है कि पिछले तीन सालों में आम बजट ने ब्रीफकेस से लेकर बहीखाते और फिर डिजिटल रूप टैबलेट तक का सफर पूरा कर लिया है।
देश में साल 2018 तक वित्तमंत्री बजट की अपनी प्रति यानी कॉपी एक ब्रीफकेस में लेकर संसद पहुंचते थे। हालांकि, इस बीच कुछ-कुछ सालों में एक-दो अपवाद भी दिखे। 1947 में भारत के पहले वित्तमंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने चमड़े के पोर्टफोलियो बैग में बजट कैरी किया था। उसके बाद 1970 के आसपास इसकी जगह एक हार्डबाउंड बैग ने ले ली, जिसका रंग वक्त-वक्त पर बदलता रहा। लेकिन 2019 में अपना पहला बजट पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये परंपरा बदल दी। वो उस साल का बजट बहीखाते में लेकर पहुंचीं। बजट की उनकी प्रति पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल होने वाले लाल रंग के बहीखाते में लिपटी हुई थी।
उनके इस कदम की खूब चर्चा हुई थी। इसके साथ ही सरकार का संदेश था कि वो ब्रीफकेस के औपनिवेशिक व्यवहार को त्याग कर स्वदेशी बहीखाते की परंपरा शुरू कर रही है। दरअसल, ब्रीफकेस लाने का चलन ब्रिटिश वित्त मंत्रियों के बजट पेश करने के दौरान लेने वाले ग्लैडस्टोन बॉक्स जैसा था, जबकि देश में छोटे-बड़े व्यापारियों के बीच सदियों से बहीखाता इस्तेमाल करने की परंपरा रही है।