मऊ सदर विधायक बाहुबली मुख़्तार अंसारी के सुभासपा से चुनाव लड़ने का रास्ता हुआ साफ़, जेल में रहकर लड़ेगे इस बार भी चुनाव
संजय ठाकुर
डेस्क। बांदा जेल में बंद मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी बंद मुख्तार अंसारी के सुभासपा टिकट पर चुनाव लड़ने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अदालत ने नामांकन फार्म भरने के लिए इजाजत दे दी है। नामांकन की औपचारिकताओं को पूरी करने के लिए मुख्तार के अधिवक्ता, प्रस्तावकों, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों को बांदा जेल में जाने की अनुमति भी मिल गई है। यह अनुमति कल गुरूवार को अदालत ने प्रदान किया है।
गुरुवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) कोर्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने यह आदेश मुख्तार अंसारी की ओर से दी गई अर्जी पर उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह और अभियोजन को सुनने के बाद पारित किया है। मुख्तार के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने कोर्ट में अर्जी देकर बताया था कि मऊ की सदर विधानसभा से मुख्तार अंसारी विधायक हैं। वह विधानसभा चुनाव 2022 में इसी सीट से नामांकन करना चाहते हैं। मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है। नामांकन की प्रक्रिया 10 से 17 फरवरी तक चलेगी। नामांकन पत्र एवं उसके साथ संलग्न शपथपत्र पर प्रत्याशी की चल-अचल संपत्ति, मुकदमों से संबंधित ब्योरा दर्ज किया जाता है। नामांकन पत्र पर उम्मीदवार का हस्ताक्षर होता है। ऐसे में नामांकन की औपचारिकता पूरी कराने के लिए अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावकों, फोटोग्राफर को बांदा जेल जाने की अनुमति दी जाए।
सुनवाई के बाद एडीजे ने जेल अधीक्षक बांदा को आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया। गौरतलब हो कि मऊ में आखिरी चरण में सात मार्च को वोटिंग होनी है। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। इधर, उत्तर प्रदेश की 58 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान हो चूका है। इस सीट पर मुख़्तार अंसारी को टिकट देते हुवे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने साफ़ साफ़ कहा था कि अगर भाजपा बृजेश सिंह के साथ है तो हम मुख़्तार अंसारी के साथ है।
पूर्वांचल की हॉट सीट मानी जाने वाली मऊ सदर सीट हमेशा चर्चाओं में रहती है। मऊ सदर सीट लंबे समय से मुख्तार अंसारी का गढ़ रहा है। 1996 से लेकर अब तक इस सीट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है। पिछली बार बसपा के टिकट पर मुख्तार अंसारी यहां से विधायक बने थे। इस सीट पर आज तक भाजपा के जीत नहीं मिली है। 2017 में मोदी-योगी लहर के बावजूद जिले की 4 में से 3 सीटों पर भाजपा जीती लेकिन मऊ सदर हार गई।