शिवसेना सांसद संजय राऊत ने पत्र लिख कर राज्य सभा के उपसभापति वेंकैया नायडू से किया शिकायत, कहा महाराष्ट्र सरकार गिराने के लिए ईडी और अन्य जाँच एजेंसियां उन पर और परिवार पर बना रही दबाव

तारिक खान

डेस्क। शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने राज्यसभा के उपसभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर ईडी और केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुवे कहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी उन्हें महाराष्ट्र सरकार को गिराने में मदद करने का दबाव बना रही है। ऐसा करने से इंकार करने पर अब ईडी और अन्य जाँच एजेंसियां उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रहे है। उन्होंने कहा कि ईडी और अन्य जांच एजेंसी के अधिकारी “अब अपने राजनीतिक आकाओं की कठपुतली बन गए हैं”। राउत ने कहा कि अधिकारियों ने यहां तक ​​स्वीकार किया है कि उन्हें “उनके ‘बॉस’ ने मुझे ‘ठीक’ करने के लिए कहा है।”

राउत ने कई सनसनीखेज दावे करते हुवे कहा है कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव कराने में मदद करने से इनकार करने पर उन्हें जेल भेजने तक की धमकी दी गई। राऊत ने चिट्ठी में कहा है कि “करीब एक महीने पहले, कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार को गिराने में हमारी मदद करें। वे चाहते थे कि मैं इस तरह की कोशिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव की ओर धकेला जा सके। मैंने ऐसे किसी भी गुप्त एजेंडे में पार्टी बनने से इनकार कर दिया, जिस पर मुझे चेतावनी दी गई कि मेरे इनकार से मुझे बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

उन्होंने पत्र में कहा कि मुझे यहां तक बताया गया कि मेरे आगे आने वाले दिन एक पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री की तरह हो सकते हैं, जिन्होंने कई साल सलाखों के पीछे गुजारे।” शिवसेना नेता ने कहा, “मुझे यहां तक चेतावनी दी गई थी कि मेरे अलावा, महाराष्ट्र कैबिनेट में दो वरिष्ठ मंत्रियों के साथ-साथ महाराष्ट्र में दो वरिष्ठ नेताओं को भी पीएमएलए अधिनियम के तहत सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा, जिससे राज्य में मध्यावधि चुनाव होंगे।”

शिवसेना सांसद ने पत्र में बताया है कि अलीबाग में उनके परिवार के पास करीब 1 एकड़ जमीन है, जिसे लगभग 17 साल पहले खरीदा गया था, लेकिन जिन लोगों ने जमीन बेची उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को ईडी और अन्य एजेंसियों द्वारा मेरे खिलाफ बयान देने के लिए धमकी दी जा रही है। उनसे यह कहने के लिए कहा जा रहा है कि उन्हें एग्रीमेंट वैल्यू के ऊपर या उससे कुछ अधिक कैश मुझसे मिला है।

संजय राऊत के इस पत्र के बाद से सियासी हलके में हडकंप मचा हुआ है। बताते चले कि केंद्रीय जाँच एजेंसियों पर इसके पहले भी केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने के बड़े आरोप लगते रहे है। यह पहला मौका है कि किसी सांसद ने पत्र लिख कर ऐसे बड़े आरोप लगाये है। संजय राऊत ने अपना पत्र ट्वीटर पर ट्वीट करके पोस्ट भी किया है।

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