कानपुर पहुचे राकेश टिकैत ने कहा: देश को उत्तर कोरिया और किसी को किम जोंग नही बनने देंगे, सरकार किसानो से लिखित वायदे नही मान रही है
मो0 कुमेल
कानपुर। किसान संगठन के संयुक्त मंच और किसान आन्दोलन में बड़े किसान नेता बनकर सामने आये संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि देश को उत्तर कोरिया और किसी को किम जोंग नही बनने देंगे। भाजपा सरकार किसानों के साथ लिखित वादे नही मान रही है। गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी न होने और उनके बेटे आशीष मिश्रा की जमानत होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह दोबारा न्यायालय जाएंगे। अपील करेंगे कि बहस रूबरू हो।
सोमवार को घंटाघर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा माल्यार्पण कर राकेश टिकैत ने लखीमपुर आंदोलन की घोषणा की। कहा कि सरकार लोगों को हिजाब के चक्कर में फंसाना चाहती है, लेकिन लोग हिसाब मांगें कि यूपी में बिजली हरियाणा से 12 गुना क्यों महंगी है। टिकैत ने बताया कि वह मंगलवार को लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित किसानों के परिवार से मिलकर उनका दर्द साझा करेंगे।
टिकैत ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुवे कहा कि केंद्र सरकार ने मुकदमे वापस लेने, एमएसपी निर्धारण के लिए कमेटी गठित करने आदि मुद्दों पर लिखित वादा किया था। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। गृह राज्यमंत्री के बेटे की जमानत से किसानों में गुस्सा है। चुनाव में सत्ताधारी दल के लोग आएं तो उनसे सवाल करें कि छुट्टा पशुओं ने किसानों का क्या हाल किया है? बेरोजगारी चरम पर है। किसानों ने अपनी फसलें कम रेट पर बेची हैं। उसका हिसाब मांगा जाना चाहिए। जिन्ना, हिजाब जैसे शब्दों के मकड़जाल में न फंसें।
टिकैत ने कहा कि चुनाव के पहले चरण में सरकारों को किसानों से वादाखिलाफी का नतीजा दिखने लगा है। वे सिर्फ भाजपा को वादाखिलाफी की सजा दिलाना चाहते हैं, लेकिन किसी पार्टी के पक्ष में वोट डालने की बात नहीं कर रहे। केंद्र सरकार ने 13 माह चले किसानों के आंदोलन और समझौते की अनदेखी की है। इसी वजह से वह यह आंदोलन कर रहे हैं। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा की अपील ‘इस चुनाव में किसान विरोधी भाजपा को सजा दें’ शीर्षक का पत्रक भी वितरित किया गया। उनके साथ हन्नान मुल्ला, योगेंद्र यादव, राजवीर सिंह जादौन, शिवकुमार कक्का जी, सुरेश गुप्ता, रवि प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।