ईवीएम की “चौकसी”: सपा कार्यकर्ताओं पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दर्ज हुवे मुक़दमे, वाराणसी के जैतपुरा थाने में दर्ज मुक़दमे में दो नामज़द हुवे गिरफ़्तार, किशन दीक्षित ने करवाया दोनों की ज़मानत
शाहीन बनारसी
डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मतगणना से एक दिन पूर्व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर ईवीएम मशीनों की निगरानी के नाम पर सरकारी वाहनों और अफसरों की गाडियों की तलाशी लेने के मामले में अब समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मुक़दमे दर्ज होना शुरू हो गए है। गौरतलब हो कि यूपी विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के पहले उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब सत्तारूढ़ बीजेपी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने वाराणसी के एक काउंटिंग सेंटर से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की चोरी का आरोप लगाया था।
इसके बाद अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं से वोटों की गिनती शुरू होने के पहले ईवीएम की पूरे समय चौकसी करने को कहा था। जिसके बाद इसी रात और अगले दिन बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, प्रदेश के सभी 75 जिलों के मतगणना स्थल पर एकत्रित हुए थे। इस दरमियान कई स्थानों से ऐसे वीडियो भी सामने आए, जिनमें काउंटिंग सेंटर्स से प्रवेश से पहले इन कार्यकर्ताओं को सरकार वाहनों की जांच करते देखा गया था।
इस क्रम में पूर्वांचल की बात करे तो वाराणसी में हुवे विवाद और हंगामे में थाना लालपुर पाण्डेयपुर में दो मुक़दमे दर्ज हुवे है, जिसमे अज्ञात समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी काम में बाधा पहुचने जैसे मामले दर्ज है। जबकि दूसरा हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धारा में दर्ज है इसमें भी पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तीसरा केस जैतपुरा थाने में दर्ज है जिसमे 40 नामज़द और 500-600 अज्ञात है। इनमे दो नामज़द की गिरफ़्तारी हो चुकी है, जिनकी सपा नेता किशन दीक्षित ने ज़मानत करवा लिया है। यहाँ शहर दक्षिणी से सपा प्रत्याशी रहे किशन दीक्षित ने सभी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि जिनकी भी गिरफ़्तारी होगी उनके मुकदमो का पूरा खर्च किशन दीक्षित खुद उठायेगे। इसी क्रम में कल जैतपुरा पुलिस ने एक और गिरफ़्तारी किया था जिसकी आज ज़मानत हो गई है। इस ज़मानत में भी सभी खर्च किशन दीक्षित ने खुद उठाये है।
इस प्रकरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 100 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सात अलग अलग केस दर्ज किए गए हैं। बस्ती के पुलिस प्रमुख आशीष श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, “समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, काउंटिंग के एक दिन पहले अनधिकृत तरीके से सरकारी अफसरों के वाहनों की जांच कर रहे थे। हमने इन अधिकारियों के स्टाफ की शिकायत पर सात केस दर्ज किए हैं। इन सरकारी अधिकारी के काम में बाधा डालने की धारा भी शामिल है।”
इस मामले में समाजवादी पार्टी के बस्ती की कमेटी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार द्वारा सपा कार्यकताओं को टारगेट किया जा रहा है। बस्ती सदर सीट से हाल ही में चुनाव जीते महेंद्र नाथ यादव ने कहा था कि बस्ती जिले से समाजवादी पार्टी के चार विधायक चुने गए हैं, इसके बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर झूठे केस लगाए जा रहे हैं। हमने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से इसे रोकने को कहा है अन्यथा हम विरोध करेंगे।
अगर बात पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करे तो यहाँ हापुड में पुलिस ने छह नामजद और 30 अज्ञात समाजवादी कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है। इन पर काउंटिंग के एक दिन पहले सरकारी अधिकारियों के साथ मारपीट करने और इन्हें जिले के काउंटिंग सेंटर में प्रवेश से रोकने का आरोप है। इसी तरह मध्य यूपी के हरदोई में पुलिस ने इसी तरह के कारणों से 11 मार्च को 100 समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया है। मामले में नामजद दो आरोपियों को आज सुबह अरेस्ट भी किया गया। गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों में से एक चुनाव परिणाम के दो दिन बाद ही बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी में शामिल हो गया है।