वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने पेश किया दिल्ली का बजट, बोले 5 साल में 20 लाख नौकरिया मिलेगी

तारिक़ खान

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा 2022-23 का आज बजट पेश किया गया है। आम आदमी पार्टी की सत्ताधारी सरकार ने यह बजट पेश किया है। इस बजट को रोजगार बजट का नाम दिया गया है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा है कि ये हमारे द्वारा जो ये बजट पेश किया जा रहा है यह आठवा बजट है।  अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आए 7 बजट से दिल्ली के स्कूल अच्छे हुए, बिजली मिल रही है लोगों के ज़ीरो बिजली का बिल आ रहा है। मेट्रो का विस्तार हुआ है, सुविधा फेस लेस हुई है, अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं।

बजट पेश करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यह युवाओं के लिए बहुत जरूरी बजट है इसलिए इसका नाम रोजगार बजट दिया गया है। कोविड के पहले के सालों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश किया गया इसलिए कोविड से हम निपट पाए। मनीष सिसोदिया बोले कि दिल्ली में व्यापारियों के लिए जीरो रेड पोलिसी लागू है, दिल्ली में कोविड के दौरान बहुत नुकसान हुआ, तब भी मदद दी।

बजट के दौरान मनीष सिसोदिया बोले कि आठवें बजट में व्यापार और लोगों को राहत देने का प्रस्ताव हम लाएं हैं, हम इस बार रोजगार बजट पेश कर रहे हैं। पिछली बार देशभक्ति का बजट था। बजट के दौरान दिल्ली सरकार ने 2047 तक दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय सिंगापुर के लोगों जितनी बनाने का लक्ष्य रखा है। इस बजट में वित्तमंत्री ने कहा कि मैं प्रस्ताव में रखने जा रहा हूं उससे दिल्ली में 5 साल में कम से कम 20 लाख नौकरियां पैदा होंगी।

मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था कोविड से थोड़ा थोड़ा उभर रही है। दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का बड़ा योगदान है। दिल्ली के लोगों की औसत आय में 16.8% की बढ़ोतरी हुई। बजट में वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि 2022-23 के लिए 75,800 करोड रुपए का बजट पेश कर रहा हूं, जो कि 2014-15 के 30,940 करोड़ रुपए के बजट का ढाई गुना है। दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों से बजट भाषण को समाप्त किया।

बजट में पेश की गई खास बाते

दिल्ली में 55.87 लाख लोगों के पास रोजगार है जबकि आबादी 1.68 करोड़ हैं, यानी एक तिहाई के पास ही रोजगार है। जो दुनिया के दूसरे शहरों के मुकाबले कम है। लंदन में 58% न्यूयॉर्क में 52% सिंगापुर में 67% दिल्ली में 33 फ़ीसदी के पास रोजगार है।

वित्तमंत्री ने कहा कि अगले 5 साल में हमारा लक्ष्य है कि वर्किंग पापुलेशन 33 फ़ीसदी से बढ़ाकर 45% तक हो जाये। यानी 1.68 करोड़ में से 76 लाख लोग रोजगार करें इसलिए 5 साल में 20 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस से यह संभव है।

रोजगार के नए अवसर के लिए हमने रिटेल सेक्टर फूड और बेवरेज लॉजिस्टिक्स एंड सप्लाई चैन ट्रैवल एंड टूरिज्म एंटरटेनमेंट कंस्ट्रक्शन रियल एस्टेट और ग्रीन एनर्जी सेक्टर को चुना है। दिल्ली के जो फेमस रिटेल मार्केट हैं उसमें रिनोवेशन और इनोवेशन की स्कीम लाने की बात कही।

देश विदेश के ग्राहकों को दिल्ली में बुलाकर शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली में शॉपिंग फेस्टिवल किए जाएंगे। साथ ही छोटे-छोटे स्थानीय बाजारों को ग्राहकों से जोड़ने के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल शुरू करेंगे। गांधीनगर जो एशिया का सबसे बड़ा वस्त्र व्यापार केंद्र है उसको दिल्ली गारमेंट हब के रूप में डेवलप करेंगे। साथ ही नई स्टार्टअप पॉलिसी भी शुरू की जाएगी।

दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया का एरिया डेवलपमेंट किया जाएगा और साथ ही क्लाउड किचन को स्थापित करने पर जोर होगा। दिल्ली में एक नई इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाएंगे उसकी स्थापना की जाएगी। राजधानी में फिल्म पॉलिसी के जरिए आर्ट और कल्चर से जुड़े कलाकार के लिए रोजगार के नए अवसर स्थापित करेंगे। दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव का आयोजन किया जाएगा।

होलसेल ग्राहकों के लिए भी छूट की योजना तैयार की जाएगी। सरकार रिटेल सेक्टर में अगले 5 साल में रोजगार के 300000 नए अवसर देख रही है। मशहूर रेडिमेड गारमेंट मार्केट गांधीनगर को ग्रेट गारमेंट हब के रूप में विकसित करना का काम होगा और गांधीनगर के रीब्रांडिंग री डेवलपमेंट किया जाएगा। 3 लाख बच्चों ने 51 हजार बिजनेस आइडिया में इन्वेस्ट किया। अगले वित्त वर्ष में इस योजना को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के साथ साथ निजी स्कूलों में भी लागू किया जाएगा।

दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सिटी का निर्माण किया जाएगा जिससे 80,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। सरकार बापरोला में 90 एकड़ में प्लग एंड प्ले मैन्युफैक्चरिंग की स्थापना करेगी ताकि इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को दिल्ली में अपना भी स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जा सके। केंद्र सरकार के EMC कार्यक्रम के साथ इसको करने की कोशिश करेंगे। दिल्ली के नॉनकन्फॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के रीडेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाएगा।

दिल्ली सरकार अगले साल से 30% आरक्षण के साथ महिला ड्राइवरों के साथ 4200 से अधिक ई ऑटो लेकर आ रही है। सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से अगले 5 साल में हर साल 5000 ई-ऑटो परमिट जारी करेंगे। सरकार ने इस घोषणा से 25000 नई नौकरी पैदा होने की बात कही। वहीं आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक और आम आदमी पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड का बजट रखा गया। नए अस्पतालों के निर्माण और मौजूदा अस्पतालों की remodelling पर 1900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

दिल्ली के सभी नागरिकों को ईहेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया, इसके लिये 160 करोड़ का प्रावधान किया गया। इसके अलावा एक निशुल्क हेल्थ हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। जिनके पास हेल्थ कार्ड होगा वो इस हेल्पलाइन पर फोन करके पूछ सकता है कि किस बीमारी का कहां इलाज करवाना और हेल्थ कार्ड के आधार पर अस्पताल में अपॉइंटमेंट भी दिया जाएगा। दिल्ली में पहला पशु चिकित्सालय महा विद्यालय खोला जाएगा।

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