पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव: TMC की प्रचण्ड जीत, 108 में से 102 सीट पर TMC की जीत, भाजपा का नही खुल सका खाता भी
आफताब फारुकी
डेस्क: पश्चिम बंगाल नगर निकाय चुनावों में TMC ने सिर्फ भाजपा ही नही बल्कि पूरे विपक्ष का सफाया कर दिया है। यहां विधानसभा चुनावों में 77 सीट जीतने वाली भाजपा के शुभेन्दु अधिकारी के गढ़ में ही उनका वर्चस्व खत्म हो गया और वहां TMC को भारी जीत मिली है। यही नही TMC ने राज्य की 108 सीट में से 102 पर जीत हासिल करके अपना परचम बुलंद रखा है। कुछ वार्डो के चुनाव में हालांकि भाजपा और अन्य दलों को जीत हासिल हुई है। मगर इनमे 27 नगर निकाय ऐसे भी है जिसमे एक भी सीट किसी अन्य दल ने नही जीती है और सभी सीट TMC के खाते में गई है।
विधानसभा चुनाव में 77 सीट हासिल कर मुख्य विपक्ष बनी भाजपा एक भी नगरपालिका को अपने नाम नहीं कर सकी। यही हाल कांग्रेस पार्टी का भी रहा। हालांकि दोनों दलों ने कुछ वार्ड जरूर जीते हैं। राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया, चार नगरपालिकाओं में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिली है। इनमें मुर्शिदाबाद की बेलडांगा, पुरुलिया जिले की झालदा, हुगली जिले की चाम्पदानी और पूर्वी मेदिनीपुर की इगरा नगरपालिका शामिल हैं और यहां से जीते निर्दलीयों की भूमिका अहम हो गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस अभूतपूर्व जीत के लिए जनता का आभार जताया और विजयी उम्मीदवारों और समर्थकों को विनम्रता के साथ काम करने की सलाह दी।
चार दशकों से अधिकारी परिवार का गढ़ रहे कांथी नगरपालिका में तृणमूल ने जीत दर्ज कर शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार को बड़ा झटका दिया है। नेता प्रतिपक्ष अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी वर्ष 1971 से 2009 के बीच (केवल एक बार वर्ष 1981-86 को छोड़कर) कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष रहे हैं। सांसद बनने के बाद उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने बेटे दिब्येंदु अधिकारी को सौंपी। दिब्येंदु अधिकारी जब वर्ष 2016 का लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद बने तो उन्होंने यह जिम्मा अपने छोटे भाई सौमेंदु को सौंपा था। इस बार अधिकारी परिवार हार गया है और अजय होने का मिथक टूट गया।