बलिया: यूपी बोर्ड की परीक्षा का “कथित हल किया परीक्षा पत्र” हुआ परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल, प्रशासन जुटा मामले की जाँच में

शाहीन बनारसी

बलिया: जनपद में कल देर रात से आज सुबह होने वाली युपी बोर्ड की संस्कृत परीक्षा का हल पत्र वायरल होने से स्थानीय प्रशासन में हडकंप मच गया है। मामले की जानकारी प्रशासनिक स्तर पर होने के बाद जिलाधिकारी बलिया ने चार सदस्यों की जाँच समिति का गठन किया है जो मामले की वास्तविकता जाँच रही है।

फोटो साभार पत्रिका

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मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह यूपी बोर्ड हाई स्कूल की संस्कृत परीक्षा आयोजित होनी थी। कल देर रात से ही इस परीक्षा का कथित हल पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। मामले की जानकारी सुबह प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बाद प्रकरण जिलाधिकारी बलिया के संज्ञान में आया। परीक्षा सुबह सकुशल सपन्न हो चुकी है। जिलाधिकारी ने इस मामले की जाँच हेतु एक टीम का गठन कर दिया है जो मामले में जाँच कर रही है। एसडीएम बेल्थरा रोड, एसडीएम रसड़ा, क्षेत्राधिकारी रसड़ा और डीआईओएस बलिया को मामले की जाँच हेतु जिलाधिकारी ने आदेश दिया है।

प्रकरण में जाँच कर रहे क्षेत्राधिकारी रसड़ा शिव नारायण वैश्य ने हमसे फोन पर हुई बातचीत में बताया कि एक कथित हल पत्र सोशल मीडिया पर प्राप्त हुआ है। जिसकी जाँच किया जा रहा है। जाँच का निष्कर्ष जल्द ही आ जायेगा और प्रेस नोट के माध्यम से सूचित किया जायेगा। वही इस मामले में दुसरे जाँच अधिकारी एसडीएम बेल्थरा राजेश कुमार गुप्ता ने भी कोई सपष्ट वक्तव्य न देते हुवे कहा कि मामले की जाँच हो रही है। प्रश्नपत्र इस वर्ष का है अथवा किसी और प्रश्नपत्र का हल वायरल कर सनसनी फैलाने का प्रयास हुआ है इसकी जाँच हो रही है। जल्द ही सभी सवालो के जवाब हासिल हो जायेगे और जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही पत्रकारों को जानकारी दी जाएगी।

खामोश है बलिया का पत्रकारिता जगत

इस मामले में बलिया जनपद का पत्रकारिता जगत इस बार ख़ामोशी के दफ्तर में खुद को समेटे हुवे है और कही कोई सोशल मीडिया पर भी इसकी खबर नही दिखाई दे रही है। शायद इसका कारण पिछले वर्ष आयोजित हुई परीक्षा में प्रशासन द्वारा दर्ज मुक़दमे में नामो को लेकर पैदा हुआ डर हो सकता है। पिछले वर्ष भी इसी प्रकार एक परीक्षा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के सम्बन्ध में स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार मधुसुदन ने उक्त वायरल होते पत्र पर जिलाधिकारी को संज्ञान देते हुवे सवाल किया था और वायरल पत्र को तत्कालीन जिलाधिकारी के व्हाट्सअप पर भेजा था। प्रशासन द्वारा दर्ज मुक़दमे में पत्रकार मधुसुदन का भी नाम दर्ज हुआ था जो बाद में दौरान विवेचना कट गया था।

बहरहाल, समाचार लिखे जाने तक अभी यह साफ़ नही हुआ है कि वायरल हुई हल कापियां इस वर्ष परीक्षा में आये प्रश्नों की थी अथवा किसी अन्य वर्ष की। साथ ही यह भी स्पष्ट नही हुआ है कि कितने प्रश्न हल करने को आये थे और कापियों में हल प्रश्न कितने है। मगर इन सबके बीच नक़ल माफियाओं ने एक बार पुनः अपनी उपस्थिति का अंदाज़ करवा दिया है। चर्चाओं के अनुसार कहने को तो उड़नदस्ता नक़ल रोकने के लिए दौड़ रहा है। मगर उड़नदस्तो के द्वारा किसी प्रकार की अभी तक नक़ल रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही नही किया गया है।

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