वाराणसी पुलिस कमिश्नर @SatishBharadwaj की @varanasipolice द्वारा हुई बेमिसाल मेहनत लाई रंग, शांतिपूर्वक गुज़रा होली और शब-ए-बारात का त्यौहार

ए0 जावेद

वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश की और उनकी टीम द्वारा की गई मेहनत आखिर रंग लाई और होली तथा शब-ए-बारात दोनों ही त्यौहार एक दिन पड़ने के बावजूद भी शांति पूर्वक बिना किसी अप्रिय घटना के गुज़र गया। सुबह जहा हिन्दू समुदाय ने होली मनाया, वही शाम को मुस्लिम समुदाय ने शब-ए-बारात पर पूरी रात इबादत में गुजारी। दोनों ही त्यौहार आपसी मिल्लत के साथ गुज़र गया।

इसको वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की मेहनत का फल ही माना जायेगा कि शहर में किसी प्रकार की कोई भी अप्रिय घटना नही हुई। पुलिस की मेहनत का आप अंदाजा इसी से लगा सकते है कि वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट का कोई भी पुलिस कर्मी अथवा अधिकारी दो रातो से सोये नही होंगे। पहले बृहस्पतिवार को दोपहर से ही पुलिस ने होलिका दहन की तैयारी शुरू कर दिया था। शाम होते होते तैयारियां जोरो पर थी। वही बृहस्पतिवार होने के कारण मुस्लिम समुदाय दुसरे दिन शब-ए-बारात की तैयारियों में था। शांति व्यवस्था की ज़िम्मेदारी अपने कंधो पर लिए पुलिस ने सामंजस्य बना कर होलिका दहन करवाया जिसकी मस्ती में सराबोर युवाओ ने सुबह के 4 बजे तक होलिका दहन की खुशियाँ मनाया।

इसके बाद अभी पुलिस ढंग से सांस भी नही ले पाई थी कि सुबह के सूरज की पहली किरण ने पुलिस को फिर सडको पर ला दिया और होली खेलने वालो में शान्ति व्यवस्था कायम रखने की ज़िम्मेदारी के साथ मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रो में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इसका भी ध्यान पुलिस ने ख़ास तौर पर रखा। वही दोनों ही वर्गों के सम्भ्रान्त नागरिको ने भी समाज के लिए अपने फ़र्ज़ को पूरा किया और किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नही हुई। पुलिस कमिश्नर के सख्त निर्देश मिलने के बाद पुलिस सक्रिय रही और इस बार कही किसी मस्जिद पर रंग डाले जाने की घटना सामने नही आई।

इस क्रम में इस बार कही भी किसी दूकान के शटर, दरवाजों और बोर्ड पर होली का रंग नही पड़ा। शायद जनता भी समझदार थी और हुडदंगियो को खुद ही समझा कर उनके हुडदंग को शांत कर दे रही थी। वाराणसी की आम जनता का भी पुलिस को अच्छा सहयोग मिला तथा शांति से होली का त्यौहार बीत गया। दोपहर होने पर पुलिस ने चैन की सांस लिया और शाम को शब-ए-बारात की तैयारियों में जुटी दिखाई दी।

शाम होने पर मुस्लिम समुदाय शहर की कब्रस्तानो और आस्तानो पर फातेहा पढने और बुजुर्गो के आस्तानो पर हाज़री लगाने के लिए निकल पड़ा। पूरी रात इबादतों का सिलसिला जारी रहा और पूरी रात पुलिस ने मशक्कत के साथ किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नही होने दिया। किसी शांति के दुश्मन ने अगर कोशिश करने की सोची और पहले मुहब्बत से समझा कर और उसके बाद सख्ती से मना कर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नही होने दिया और पूरी रात चक्रमण करती पुलिस ने शांति के साथ दोनों त्यौहार मुहब्बत की मिसाल के तौर पर गुज़ार दिया।

बेशक जब साझी वरासत की तवारीख लिखी जायेगी तो इस साल का ये होली और शब-ए-बारात का त्यौहार एक ही दिन पड़ने के बाद आपसी मिल्लत के साथ गुज़रना याद किया जायेगा। भले ही तवारीखी इबरत में पुलिस की इस मेहनत को जगह मिले न मिले मगर हकीकत में पुलिस ने जो हाड़तोड़ मेहनत किया है वह काबिल-ए-तारीफ है। आपसी भाईचारे के साथ दोनों त्यौहार गुज़ारने के लिए शहर की आवाम भी बधाई की पात्र है। हम आम शांतिप्रिय जनता को भी बधाई देते है।

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