सुशासन बाबू के बिहार में जहरीली शराब पीने से भागलपुर में चार लोगों की हुई मौत, दो लोगों की हालत नाजुक

अनिल कुमार  

बिहार। आजकल बिहार मे दो ही चीज लोकप्रिय है। पहला दारू और दूसरा बालू। इन दोनो चीजों से भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट सरकारी अधिकारी में पैसा कमाने की होड़ मची हुई है। ऐसी बात नही है कि बिहार में सभी सरकारी अधिकारी भ्रष्ट हैं। आर्थिक अपराध ईकाई के एडीजी एनएच खान ने दर्जनों सरकारी अधिकारियों को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार तथा अवैध संपत्ति भी जब्त किया है। फिर भी भ्रष्ट सरकारी सेवकों के मिलीभगत से बिहार में सुशासन बाबू द्वारा लागू किए गए शराबबंदी कानून दम तोड़ता नजर आ रहा है।

बीते 10 दिनों के भीतर बिहार में जहरीली शराब पीने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें सीवान में 3, बेतिया मे 2 और गोपालगंज मे 5 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है। ताजा घटना भागलपुर जिला की है, जहाँ 2 दिन पहले एक शादी समारोह में जमकर जाम छलकाया गया था। शराब पीने वालों की अचानक तबीयत खराब होने लगी। इस दौरान 4 लोगों की मौत हो गई और 2 लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

मृतकों में जिच्छो गांव के अधिकतर निवासी हैं। शराबबंदी कानून के कारण बिहार में न्यायिक प्रणाली को चरमराते हुए देख कर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले मंगलवार को बिहार सरकार से जबाब तलब किया था। तब आनन-फानन में सुशासन बाबू नीतिश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाने तथा शराब पीने वालों को कोर्ट में पेश नहीं करने का मसौदा तैयार किया तथा पहली बार शराब पीने वाले व्यक्ति को पकड़े जाने पर थाने से जमानत दे दी जाएगी।

सुशासन बाबू ने शराबबंदी कानून में यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट में होने वाले फजीहत से बचने के लिए किया है। अब देखना यह है कि भागलपुर में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों के हुए मौत का ठीकरा सुशासन बाबू की पुलिस किस पर थोपती है?

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