अज्ञात कारणों से लगी आग में 36 रिहायशी झोंपड़ियां जल कर खाक
मुकेश यादव
मधुबन, मऊ। थाना क्षेत्र के देवरांचल के टांड़ी पुरवे में मंगवार की दोपहर तेज हवा के बीच निकली चिंगारी शोला बनकर 19 परिवारों के ऊपर जमकर तबाही मचाई। अगलगी में 36 रिहायशी झोंपड़ियां, नगदी समेत पूरी गृहस्थी आग में जलकर खाक हो गये। हवा के बीच आग की विकराल लपटों का दृश्य देख पड़ोसी गांवों के लोगों के होश उड़ गया।
लपटों की तेज तपिश से लोगों का आग बुझाने का हौसला काम नहीं कर रहा था। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवानों ने लोगों के सहयोग से काफी मसक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिर भी इन परिवारों की पूरी घर-गृहस्थी आग की भेंट चढ़ गई। आग का विकराल मंजर देख पीड़ित परिवार अपने सामने सब कुछ जलता देख सकते में आ गए हैं। आग की भयावह लपटें पूरब से पश्चिमी छोर तक टांड़ी पुरवे में जमकर तबाही मचाई। इन परिवारों के आशियाने को जलाकर ही शांत हुई। अग्नि पीड़ितों ने अपनी बर्वादी देख खून के आंसू बहाने को विवश हो चले हैं।
देवारा के टांड़ी में मंगलवार की दोपहर तेज हवा के बीच कूड़े की राख से निकली चिनगारी शोला बनकर कहर बरपाना शुरू कर दिया। आग की भयावह लीला देख लोग चिल्लाते हुए घर से बाहर भाग खड़े हुए। आग की लपटें दर्जनों परिवारों की 36 रिहायशी झोंपड़ियां समेत पूरी गृहस्थी को जलाकर बर्बाद कर दिया। इसमें नगदी भी आग की भेंट चढ़ गया। लू के थपेड़ों के बीच आग का तांडव पुरवे में पूरब से पश्चिमी छोर तक दो घंटे तक तबाही का भयावह मंजर चलता रहा।
आगलगी की घटना में गामा चौहान, लाला, रामप्रवेश, चन्ना, अर्जुन, लालबहादुर, जयबहादुर, रामकरन, अमरनाथ, प्रभुनाथ, ओमप्रकाश, गुलाब आदि की रिहायशी झोंपड़ियां आग की लपटों में समा गई। आग की लपटों में समा रही घर-गृहस्थी का मंजर देख लोगों के संजोए सपने को तार-तार कर दिया। आग की लपटें इतनी भयावह थी कि आग को काबू करने में ग्रामीणों के पसीने छूट गए। तेज पछुआ हवा से बेकाबू हुई आग को ग्रामीणों के सहयोग से अग्निशमन दस्ता ने काबू में किया। आग ने इन परिवारों को खुले आसमान के नीचे ला दी है। मौके पर पहुंचे तहसीलदार आनन्द कनौजिया सहित राजस्व की टीम ने अगलगी की घटना में हुई क्षति का आंकलन में जुटे रहे।