जहाँगीरपूरी में बुलडोज़र कार्यवाही: एडवोकेट दुष्यंत दवे ने किया सुप्रीम कोर्ट से शिकायत, आदेश के बाद भी चलता रहा था बुलडोज़र, कल से होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जाने क्या कहा जमियत उलमा-ए-हिन्द और ओवैसी ने

आदिल अहमद

नई दिल्ली: जहांगीरपुरी में तोड़फोड़ आज सुबह 9:30 बजे शुरू हो गई थी, जो करीब 12 बजे तक चली। मौके पर कुल 9 बुलडोजर थे। एमसीडी की 14 टीमें भी मौजूद थीं। दिल्ली पुलिस के 400 जवान मांगे गए थे, लेकिन सुरक्षा की वजह से यहां करीब 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवान थे। बता दें कि देश भर में कई राज्यों में चलाए जा रहे बुलडोजर की कार्रवाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस की कोर्ट में मेंशन किया। अब कोर्ट दोनों मामलों पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।

जहांगीरपुरी की मस्जिद के बाहर बने चबूतरे को एमसीडी ने तोड़ दिया है। माहौल तनावपूर्ण है। इलाके में पुलिस हर गतिविधी पर नजर रख रही है। हालांकि, अब दिल्ली नगर निगम ने इस कार्रवाई को रोक दिया है। बुलडोजर मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने स्थानीय निकाय के इस कदम को असंवैधानिक, अनैतिक और गैर कानूनी व मनमाना बताया है। साथ ही इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की है। दुष्यंत दवे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बुलडोजर नहीं रोका गया। ये पूरी तरह गलत बात है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश की जानकारी एजेंसी को तुरंत देने के आदेश दिए। रजिस्ट्री को ये जानकारी निगम तक पहुंचाने के आदेश दिए हैं। CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेट्री जनरल जल्द से जल्द जानकारी संबंधित एजेंसी को देंगे।  इस कार्यवाही पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सचिव नियाज अहमद फारूकी ने कहा है कि, हमारे पास जानकारी थी कि जहांगीरपुरी में तोड़फोड़ का कार्य चल रहा है। हमने एनडीएमसी के मेयर, पुलिस, चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेज तोड़फोड़ रोकने के लिए कहा। ऐसा करके आप सिर्फ दंगाइयों को फायदा पहुंचा रहे हैं। सरकार को इस तरह एक समुदाय को टारगेट नहीं करना चाहिए। मैं गृहमंत्री से आग्रह करता हूं कि वो यह तोड़फोड़ रोकें।

जहांगीरपुरी में हुई बुलडोजर की इस कार्रवाई के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सत्तासीन पार्टियों भाजपा और आप को इतिहास याद दिलाया और चेताया कि शक्ति शास्वत नहीं है। यह कभी इसके किसी के हाथ में होती है तो कभी किसी के हाथ में। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा और आप याद रखें कि जो लोग 1976 में सत्ता में थे वो अब नहीं हैं। गौरतलब हो कि पुलिस ने जहांगीरपुरी में मंदिर और मस्जिद दोनों के पास बुलडोजर से कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब यह कार्रवाई रोकी गई है तो धार्मिक स्थल के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही इलाके की दुकानें एक बार फिर बंद हो गई हैं। ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया रोकने के बाद पुलिस ने घटनास्थल से मीडियाकर्मियों को हटा दिया है। अब एक बार फिर सुरक्षा बल पूरे इलाके में तैनात हैं और हालात सामान्य करने की कोशिश में हैं।

जहांगीरपुरी में तोड़फोड़ आज सुबह 9:30 बजे शुरू हो गई थी, जो करीब 12 बजे तक चली। मौके पर कुल 9 बुलडोजर थे। एमसीडी की 14 टीमें भी मौजूद थीं। दिल्ली पुलिस के 400 जवान मांगे गए थे, लेकिन सुरक्षा की वजह से यहां करीब 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवान थे। तोड़ने के पहले किसी को कोई नोटिस नहीं दिया गया। बस उत्तरी दिल्ली के मेयर ने दिल्ली पुलिस के कमीश्नर को पत्र लिखकर फोर्स मांगा जो उन्हें तुरंत मिल गया। किसी हिंसा के तुरंत बाद दिल्ली में ये अपनी तरफ की पहली कार्रवाई है , जिसे बहुत तेजी अंजाम दिया गया।

जमीयत उलमा-ए-हिंद मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान में सुप्रीम कोर्ट के तत्काल हस्तक्षेप का स्वागत किया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में डिमोलिशन ड्राइव पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के तत्काल हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हम अदालत के इस प्रारंभिक आदेश का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि फैसला हमारे पक्ष में होगा। अब दिल्ली नगर निगम ने इस कार्रवाई को रोक दिया है।

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