लखीमपुर: किसानो को थार से कुचलने के मामले में हत्यारोपी मंत्री अजय मिश्रा “टेनी” पुत्र आशीष मिश्रा “मोनू” ने किया अदालत में आत्मसमर्पण, मीडिया के कैमरों से बचाते हुवे प्रशासन ने पहुचाया जेल
फारुख हुसैन
लखीमपुर (खीरी)। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानो को थार जीप से कुचलने के मामले में हत्यारोपी मंत्री अजय मिश्रा “टेनी” पुत्र आशीष मिश्रा “मोनू” ने आज रविवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। मंत्री पुत्र को प्रशासन द्वारा मीडिया कैमरों से बचाते हुवे जेल पंहुचा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते उन्हें हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करते हुए एक हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा था। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र हैं। आशीष मिश्रा को दोबारा लखीमपुर खीरी की जेल में भेज दिया गया है। पिछले साल अक्टूबर में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना हुई थी। इसमें केंद्रीय मंत्री के पुत्र पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल भेज दिया गया था।
आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में जमानत दी थी, जिसको लेकर तमाम सवाल भी उठे थे। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की बेल रद्द कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा था कि पीड़ितों को हर स्तर पर सुनवाई का अधिकार है। इस केस में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है। हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक तथ्यों और अनदेखे उदाहरणों को ध्यान में रखकर फैसला दिया था।
कोर्ट ने आदेश दिया कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा सरेंडर करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे। पीड़ितों के वकील दुष्यंत दवे ने गुजारिश की थी कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मामला जाए। सीजेआई ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना उचित नहीं होगा। हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे।