सालो बाद पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ आ सकते है अपने मुल्क पकिस्तान वापस, ईद बाद हो सकती है नवाज़ शरीफ की पकिस्तान वापसी
अनुराग पाण्डेय
डेस्क: पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से सियासी हलचल मची हुई है। इस बीच शरीफ का पाकिस्तान लौटना एक बार फिर सुर्खियों में है। इससे पहले इमरान खान देश के इतिहास के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्हें रविवार सुबह हुए अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता से बाहर कर दिया गया। इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव में हराने के लिए 342 सीटों वाली संसद में 172 वोटों की जरूरत थी, जबकि इस प्रस्ताव को 174 सासंदों का समर्थन मिला।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री वर्षो बाद अपने मुल्क वापस आ सकते है। पकिस्तान एम सत्ता परिवर्तन के बाद लन्दन जाकर रह रहे नवाज़ शरीफ की मुल्क वापसी ईद के बाद होने की संभावना प्रतीत हो रही है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ नेता जावेद लतीफ़ ने इस बात की जानकारी स्थानीय मीडिया को दिया है। उनका कहना है कि तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पाकिस्तान वापसी पर गठबंधन के साझेदारों से बातचीत की जाएगी।
पाकिस्तानी मीडिया ने जावेद के हवाले से लिखा है कि सारे निर्णयों पर गठबंधन के नेताओं से चर्चा होगी। मई के पहले हफ्ते में ईद मनाई जाएगी। पिछली सरकार के द्वारा पूर्व प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ पर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज किए गए थे। पकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में पनामा पेपर केस मामले में नवाज़ शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था।
नवाज़ शरीफ 2019 में लंदन चले गए थए जब लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें इलाज करवाने के लिए 4 हफ्ते की देश छोड़ने की मंजूरी दी थी। उन्होंने लाहौर हाई कोर्ट में लिखित हलफनामा दिया था कि वो चार हफ्ते में पाकिस्तान वापस लौटेंगे या फिर जिनती जल्दी उन्हें डॉक्टर यात्रा के लिए स्वस्थ्य और घोषित कर दें। उन्होंने कानून का सामना करने के अपने पिछले रिकॉर्ड्स का हवाला भी दिया था।
शरीफ को अल-अज़ीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में बेल भी दी गई थी जिसमें वो लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की सजा काट रहे थे। देश की राजनैतिक अस्थिरता पर बोलते हुए लतीफ ने कहा कि गठबंधन सरकार छ महीने से अधिक नहीं रहेगी और मौजूद संकट का एक ही उपाय है कि दोबारा चुनाव करवाए जाएं। लेकिन उन्होंने कहा, ” हालांकि चुनाव से पहले चुनाव सुधार जरूरी हैं।” उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और विदेशों से मतदान का मुद्दा, इन दो मुद्दों को जल्द से जल्द निपटाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा, EVM से RTS की तरह बाहरी छेड़-छाड़ की जा सकती है। विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के लिए अलग से सीट बनाई जा सकती हैं जिस पर वो अपने प्रतिनिधि चुन सकें। यह बिल्कुल कश्मीर की तरह होगा, जहां माइग्रेंट्स के लिए सीट निश्चित हैं।