ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग प्रकरण: अदालत के हुक्म से सील हुआ मस्जिद में वज़ुखाने का क्षेत्र, मस्जिद कमिटी का दावा फव्वारे को बता रहे है शिवलिंग, जारी किया पुरानी तस्वीर

शाहीन बनारसी

वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने को अदालत के हुक्म से सील कर दिया गया है। वादिनी मुकदमा राखी सिंह के तरफ से दाखिल हुवे प्रार्थना पत्र पर अदालत ने निर्देश जारी करते हुवे प्रशासन को सख्त हुक्म दिया कि शिवलिंग मिलने की जगह को सील कर दिया जाये और किसी को उसके आसपास न जाने दिया जाए। इस हुक्म की तामीर करवाते हुवे प्रशासन ने उक्त जगह को सील कर दिया है।

इस सम्बन्ध में अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमिटी के अधिवक्ता तौहीद ने हमसे बात करते हुवे बताया कि मस्जिद के वज़ुखाने में लगे फव्वारे को वादिनी पक्ष के द्वारा शिवलिंग बता कर अदालत में अर्जी दाखिल किया गया था। इस अर्जी पर अदालत ने एकतरफा बिना सर्वे कमीशन की रिपोर्ट आये और बिना हमारा पक्ष सुने आदेश देकर सील कर दिया गया है। जिसको वादिनी के द्वारा शिवलिंग बताया जा रहा है वह असल में वज़ुखाने में लगा हुआ फव्वारा है। उस फव्वारे को वादिनी के द्वारा शिवलिंग बता कर सनसनी फैलाई जा रही है जिसको मीडिया ज़बरदस्त हवा दे रहा है। हम इसके खिलाफ अदालत में जायेगे और अदालत में अपनी बातो को रखेगे।

इस दरमियाना मीडिया द्वारा भी शिवलिंग और उसकी लम्बाई तक अपने अपने चैनल पर डिबेट के साथ बताना शुरू कर दिया गया है। इन सबके बीच ट्वीटर पर हैश टैग ज्ञानवापी मंदिर नाम से चलना भी शुरू हो गया है। वही सोशल मीडिया पर दोनों ही पक्ष के द्वारा अपने अपने मुद्दे रखे जा रहे है। इन सबके बीच पक्षकार विसेन ने कहा है कि मस्जिद में भव्य मंदिर बनेगा और इसके लिए हम 50 साल इंतज़ार नही कर सकते है। विसेन ने यह बात एक पत्रकार वार्ता में कही है।

इन सबके बीच अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव एस0 एम0 यासीन ने हमसे बात करते हुवे कहा कि जब पक्षकारो को कही कुछ नही मिला तो मस्जिद के वज़ुखाने में लगे फव्वारे को ही उन्होंने शिवलिंग बता डाला है। अदालत ने बिना सर्वे रिपोर्ट आये और हमारा पक्ष सुने आदेशित कर दिया है। जिसके खिलाफ हम अपील दाखिल करेगे। शुरू से ही सर्वे के बाद पहले दिन से ही राखी सिंह पक्ष के द्वारा भ्रामक बयान दिए जा रहे थे। जब पुरे सर्वे में कुछ भी नही मिला तो उन्होंने मस्जिद के वजूखाने में लगे फव्वारे को ही शिवलिंग बता दिया।

एस0एम0 यासीन ने कुछ फोटो प्रदान करते हुवे कहा कि ये वही वज़ुखाने का फव्वारा है जिसको वादी पक्ष शिवलिंग बता रहा है। जबकि ये महज़ एक फव्वारा है। सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए, मामले में सनसनी पैदा करने के लिए ही ऐसा किया जा रहा है। वर्षो से ये ऐसे ही है। तस्वीर को देते हुवे एस0 एम0 यासीन ने कहा कि इन तस्वीरो को भी अदालत में पेश किया जायेगा। हमारे अधिवक्तागण इस मामले में आगे की कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी में है। एस0 एम0 यासीन ने अपने समुदाय से सब्र करने और अमन चैन बनाये रखने की अपील करते हुवे कहा है कि मामले में कानूनी लड़ाई जारी है। आप सभी अमन-ओ-चैन बनाये रखे और किसी अफवाह या फिर किसी के बहकाने में न आये।

वही दूसरी तरफ एड0 रईस ने इस मामले में कहा है कि एक फव्वारे को ये लोग शिवलिंग साबित करने पर लगे है। जबकि हकीकत में एक तालाब के अन्दर लगा फव्वारा है जो ख़राब भी हो गया है। खुद सर्वे कमिश्नर ने उस फव्वारे में बने छेद में लगभग 3 फिट लम्बा तिनका डाल कर इसको जांचा और तिनका पूरा अन्दर चला गया। जब सर्वे में कुछ नही मिला तो सनसनी फैलाने के लिए एक मुद्दा बना दिया गया और फव्वारे को शिवलिंग कहा जा रहा है।

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