ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: अब हुआ सर्वे का वीडियो वायरल, गोपनीय वीडियो वायरल होने पर उठे बड़े सवाल
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने लीक हुई सर्वे रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुवे कहा था कि चुनिन्दा रिपोर्ट लीक नही होनी चाहिए। मगर इसके बावजूद भी मामले में लोग सनसनी फैलाने से बाज़ आते नही दिखाई दे रहे है। पहले सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल होने के चंद घंटो में ही लीक हो जाने की बाते सुप्रीम कोर्ट तक उठी। उसके पहले अजय मिश्रा की रिपोर्ट कोर्ट में जमा होते के साथ ही वायरल होने लगी थी।
इन सबसे बढ़ कर अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो हमारे सहयोगी मित्र लाइव भारत न्यूज़ के कपिल ने प्रदान किया। कपिल ने इस सम्बन्ध में अपनी न्यूज़ भी प्रकाशित किया है। दावा किया गया है कि वीडियो सर्वे के दरमियान का है, हम इस बहस का हिस्सा नही बनते है कि वीडियो एक्सक्लूसिव है या फिर वायरल है। हम सिर्फ एक सवाल उठाते है कि आखिर वीडियो लीक कैसे हुआ।
वीडियो देखने से लग रहा है कि ये वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने का है। वीडियो में एक शख्स की तस्वीर बार बार सामने आ रही है। देखने से तो समझ में आ रहा है कि ये वीडियो विडियोग्राफी टीम के सदस्य द्वारा कैमरे से तो नही बनाया गया होगा। बेशक ये वीडियो सर्वे के दरमियान किसी के मोबाइल से बनाया गया है। अब सवाल उठता है कि जिस परिसर में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है वह मोबाइल कैसे पहुच गया।
आखिर कौन है वो जो बार बार ऐसे वायरल सीन्स से सनसनी फैलाना चाहता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। इसमें “हीलिंग टच” की ज़रूरत है। आखिर सुप्रीम कोर्ट के इस लफ्ज़ का मायने कौन है जिसके समझ में नही आया। हकीकत में ये लफ्ज़ ऐसा नही है कि सिर्फ एक पक्ष के लिए है। बल्कि दोनों पक्षों के लिए ये शब्द है। इस शब्द की गहराई को समझना ज़रूरी है। समाज में आखिर कौन सनसनी फैलाना चाहता है।
इसके पहले सर्वे रिपोर्ट लीक होने पर अगर प्रशासन सख्त होता तो शायद इस वीडियो को वायरल करने वाले की हिम्मत नही पड़ती कि वह वीडियो वायरल करे। मीडिया इस वीडियो के वायरल होने पर तड़का तो लगाएगा ही कि देखे ये वीडियो, दिखा रहे है ये वीडियो करके एक बड़ी सनसनीखेज़ खबर बनाने में मीडिया कभी पीछे नही रहा है। खुद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टीवी टीआरपी का खेल बन चूका है। फिर आखिर ऐसे खेल से क्या मकदस सिर्फ सनसनी फैलाना है। सवाल उठेगे। लाजिम भी है सवाल उठाना मगर जवाब नही आयेगा क्योकि हमे पता है कि जवाब है नही।