ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: मस्जिद के एक हिस्से में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के दावे पर अदालत ने दिया उस हिस्से को सीज़ करने और किसी का भी प्रवेश वर्जित करने का हुक्म, पढ़े अदालत का पूरा आदेश
तारिक आज़मी
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के आखरी दिन सर्वे के उपरांत वादी पक्ष के द्वारा प्रस्तुत दावे और प्रार्थना पत्र पर अदालत सिविल जज (सीनियर डिविज़न) रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद के उस हिस्से को संरक्षित करने और किसी के प्रवेश को वर्जित करने का हुक्म जिला प्रशासन को जारी किया है जिस जगह कथित रूप से शिवलिंग मिलने का दावा वादी द्वारा किया गया है। अपने आदेश में अदालत ने साफ़ साफ़ जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि उक्त स्थान को सील कर वह किसी का भी प्रवेश वर्जित कर दिया जाए।
बताते चले कि आज सर्वे मुकम्मल होने के बाद वादिनी के पैरोकार सोहन लाल आर्या ने मीडिया को बयान जारी करते हुवे कहा था कि बाबा का दर्शन हो गया है। बाबा मिल गए है। इसके बाद मामले में वादिनी के द्वारा अदालत में तत्काल सुनवाई करने हेतु एक प्रार्थना पत्र दाखिल हुआ और अदालत से आग्रह किया गया कि मस्जिद के उस हिस्से में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित करते हुवे मस्जिद में केवल 20 मुसलमानों को नमाज़ पढने की अनुमति दिया जाए। साथ ही अदालत से दरखास्त किया गया था कि मुसलमानों को तत्काल वजू करने से भी रोका जाए।
इस प्रार्थना पत्र पर अदालत ने सीआरपीऍफ़ के कंपनी कमांडेट, जिलाधिकारी वाराणसी, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी उत्तर प्रदेश को हुक्म जारी करते हुवे उक्त स्थान को तत्काल सील करने और वहा किसी का भी प्रवेश वर्जित करने का हुक्म दिया है। इस सम्बन्ध में अदालत ने जिलाधिकारी वाराणसी और पुलिस कमिश्नर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट को हुक्म जारी किया है कि उक्त सील स्थल के संरक्षण की ज़िम्मेदारी उनकी होगी। अदालत इस मामले में कल सुनवाई करेगी।
बिना हमारा पक्ष जाने और सर्वे रिपोर्ट आये हुआ है एकपक्षीय आदेश, हम करेगे अपील: एड0 तौहीद
इस सम्बन्ध में मसाजिद कमिटी के मो0 तौहीद ने हमसे फोन पर बात करते हुवे कहा है कि बिना हमारा पक्ष जाने और सर्वे रिपोर्ट आये ही अदालत ने एक पक्षीय आदेश जारी किया है। हम इस आदेश के खिलाफ अपील करेगे। आदेश की प्रति हमको अभी उपलब्ध हुई है। हम इस आदेश के खिलाफ डिस्ट्रिक जज के यहाँ अपील करेगे।