तडपाती गर्मी और गहराता विद्युत संकट, जाने इस भीषण गर्मी ने कैसे बिजली सप्लाई पर डाल दिया संकट
तारिक खान
भारत इस समय पिछले छह सालों के सबसे बड़े बिजली संकट से गुजर रहा है। देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया है। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की वजह से बढ़ती हुई बिजली की मांग और कोयले की कमी ने बिजली संकट की समस्या को और विकराल बना दिया है। देश के कई राज्य घंटों बिजली कटौती से जूझ रहे हैं। आने वाले दिनों में ये संकट और गहरा सकता है, क्योंकि गर्मी बढ़ने से आने वाले दिनों में बिजली की मांग घटने के बजाय 8% और बढ़ सकती है।
खबरिया अखबारों और साईट की बात पर नज़र दौडाए तो उनके अनुसार, इन दिनों देश के अधिकतर राज्य बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। अगले तीन-चार हफ्तों में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी, बिजली की डिमांड बढ़ती जाएगी। बता दें कि देशभर में अनेक स्थानों पर अप्रैल में सर्वकालिक रूप से तापमान उच्च स्तर पर रहा है और पारे का स्तर 46 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। रूस-यूक्रेन युद्ध असर देश में बिजली के उत्पादन पर भी पड़ा है। क्योंकि ईंधन की कीमतों में हाल के दिनों में लगातार इजाफा हुआ है। बिजली संयंत्रों के लिए रखे कोयले के भंडार भी धीरे-धीरे सिकुड़ रहे हैं। भारत में रीन्यू एनर्जी ग्लोबल पीएलसी के चेयरमेन सुमंत सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यह एक कठिन स्थिति बन रही है। पूरी गर्मी एक परीक्षा होगी।
ऊर्जा नीति संबंधी सुझाव देने वाली संस्था ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा, “अगर कोयले का भंडार इस दर से कम होता रहा, तो हमें पूरे देश में बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा।” राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि भारत के 28 राज्यों में से कम से कम 16 राज्य दिन में दो से 10 घंटे बिजली गुल से जूझ रहे हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के बांदा में अप्रैल में 47.4 डिग्री सेल्सियस तापमान तक दर्ज किया गया। इलाहाबाद, झांसी और लखनऊ, हरियाणा में गुरुग्राम तथा मध्य प्रदेश के सतना में अप्रैल में तापमान क्रमश: 46.8 डिग्री सेल्सियस, 46.2 डिग्री सेल्सियस, 45.1 डिग्री सेल्सियस, 45.9 डिग्री सेल्सियस और 45.3 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था। ऐसे में मई और जून में और भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं।
अब अगर बात करे आकड़ो की तो राष्ट्रीय ग्रिड परिचालक पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन के आंकड़ों के मुताबिक, देश में बिजली की खपत अप्रैल में सालाना आधार पर 13.6 फीसद बढ़कर 132.98 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। गर्मी की शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते यह बढ़ोतरी हुई। पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत 117.08 बीयू थी, जबकि 2020 के इसी महीने में यह आंकड़ा 84.55 बीयू था। न्यूज एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक, दूसरी ओर इस साल अप्रैल में बिजली की पूरी की गई अधिकतम मांग गत शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। पिछले साल सात जुलाई, 2021 को अधिकतम मांग 200.53 गीगावॉट रही थी। बृहस्पतिवार को अधिकतम मांग 204.65 गीगावॉट और बुधवार को 200.65 गीगावॉट रही थी।