अग्निपथ योजना: 24 जून से होगी “अग्निवीरो” के पहले बैच की भर्ती प्रक्रिया शुरू, जाने कैसे है पूरी प्रक्रिया और कब है ऑनलाइन एग्जाम
तारिक़ खान
डेस्क: केंद्र की इस योजना की घोषणा के बाद, आंदोलन शुरू हो गए और विभिन्न राज्यों में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड और असम सहित कई राज्यों में अब तक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कुछ राज्यों में, विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसमें ट्रेनों में आग लगाना और पथराव की घटनाएं शामिल थीं। इसमें गिरफ्तारियां भी की गईं। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सेना में चार साल के संविदात्मक रोजगार के बाद अपने भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की, इसलिए, योजना को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे है।
वही आज रविवार को सेना द्वारा साझा प्रेस कान्फ्रेंस किया। जिसमे बताया गया कि अग्निपथ के पहले बैच के लिए 24 जून से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करेगी। एक महीने बाद 24 जुलाई से ऑनलाइन एग्जॉम प्रारंभ हो जाएगा। नौसेना भी 25 जून तक भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजेगा। एयरफोर्स की तरह नेवी की भी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया होगी। सेना अग्निपथ योजना के तहत करीब 40,000 अग्निवीरों की भर्ती करने के लिए 83 रैलियां आयोजित करेगी। अग्निवीरों के दूसरे बैच को अगले साल फरवरी तक सेना में शामिल किया जाएगा। करीब 25,000 अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में सेना में शामिल होगा। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पूरे भारत में होंगी।
प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि हम अग्निपथ योजना के तहत पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती कर रहे हैं। अग्निवीरों का पहला बैच 21 नवंबर को प्रशिक्षण संस्थानों में रिपोर्ट करने लगेगा। भारतीय नौसेना जून तक अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के ब्योरे के साथ आएगी। वायुसेना में अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में शामिल किया जाएगा, 30 दिसंबर को प्रशिक्षण शुरू होगा। वायुसेना 24 जून को अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई को प्रारंभ होगी। ‘अग्निवीरों’ की सेवा शर्तें नियमित सैनिकों के जैसी ही होंगी।
आवेदकों को पहले से तय मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा। अग्निवीर भी वायु सेना के अन्य जवानों को मिलने वाले पदक और अवार्ड के लिए एलिजिबल होंगे। साथ ही इन्हें साल में 30 पेड लीव मिलेंगे। जबकि सिक लीव चिकित्सकीय परामर्श के अनुरूप दिया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। हालांकि, खास परिस्थियों को छोड़ कर ट्रेनिंग अवधि के बीच में उन्हें सेवा छोड़ने की इजाजत नहीं मिलेगी। अग्निपथ योजना के तहत उन्हें सेवा के पहले साल 30 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलेंगे, जिनमें से 21 हजार सीधे उनके खाते में जाएगा और 9000 हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जाएंगे। हर साल सैलरी में वृद्धि होगी। ट्रेनिंग के अखिरी वर्ष में अग्निवीर की सैलरी 40 हजार रुपये हो जाएगी।
ट्रेनिंग के चार साल बाद जब 75 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटायर किया जाएगा तो उन्हें 10 लाख चार हजार रुपये सेवा निधि के तहत दिए जाएंगे, जिसमें पांच लाख दो हजार रुपये उनके खुद के कमाए हुए होंगे। इसके अतिरिक्त उन्हें सरकार की ओर से किसी तरह की कोई ग्रेचुइटी या अन्य फंड नहीं मिलेगा। हालांकि, ट्रेनिंग अवधि के दौरान उन्हें 48 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस मिलेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल एसके झा ने कहा, “पहले बैच का 30 दिसंबर तक प्रशिक्षण शुरू होगा।”