महाराष्ट्र सियासी संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राऊत को ईडी ने सम्मन भेज कल बुलाया पूछताछ हेतु

आफताब फारुकी

डेस्क: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच विपक्ष भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई के दुरूपयोग का आरोप लगाते रहते है। इस सियासी घमासान के लिए भी विपक्ष एक सुरे में केंद्र सरकार पर तंज़ कस रहा है। इसी दरमियान शिवसेना सांसद संजय राउत को बड़ा झटका लगा है। शिंदे गुट पर लगातार निशाना साध रहे शिवसेना सांसद को सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है और कल पेश होने को कहा है।

बताया जा रहा है कि ईडी की ओर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए संजय राऊत को बुलाया गया है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हिरासत में हैं। अब सियासी उठापटक के बीच संजय राउत को समन किया गया है। इसको लेकर विपक्ष हमलावर होगा ये तो तय माना जा रहा है। वही महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर रहा है।

बता दें कि शिवसेना पर नियंत्रण को लेकर उद्धव ठाकरे और बागी विधायक एकनाथ शिंदे के दरम्यान जारी खींचतान के बीच पार्टी के नेता संजय राउत ने शनिवार को बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता छोड़कर नए सिरे से चुनाव का सामना करने की चुनौती दी थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जो वापस आना चाहते हैं, उनके लिए पार्टी के द्वार खुले हैं। उन्होंने आशा व्यक्ति की शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार वर्तमान संकट से बाहर निकल जाएगी।

राउत ने पत्रकारों से कहा था, ”विद्रोहियों को मेरी खुली चुनौती है कि वे इस्तीफा दें और अपने मतदाताओं से नए सिरे से जनादेश मांगें। अतीत में, छगन भुजबल, नारायण राणे और उनके समर्थकों ने अन्य दलों में शामिल होने के लिए शिवसेना विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। यहां तक ​​​​कि मध्य प्रदेश में (केंद्रीय मंत्री) ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने (मार्च 2020 में) कांग्रेस विधायकों के रूप में इस्तीफा दे दिया था।”

उन्होंने कहा था कि शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता तैयार हैं और नेतृत्व के संकेत का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया कि पार्टी विद्रोहियों से निपटने के लिए तैयार है। इससे पहले, उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि आखिर कब तक वे (विधायक) असम के गुवाहाटी में ‘‘छिपे” रहेंगे, आखिरकार उन्हें ‘‘चौपाटी” (मुंबई के संदर्भ में) आना ही होगा।

शिवसेना सांसद राउत ने ट्वीट किया था, ‘‘कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में।” दक्षिण मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय), विधान भवन (विधायिका परिसर), राजभवन और मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला ‘वर्षा’ सहित प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठान गिरगाम समुद्र तट के आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं, जिसे चौपाटी भी कहा जाता है।

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