वाराणसी विकास प्राधिकरण आदमपुर ज़ोन की है यही कहानी, हम तुम्हे नोटिस देंगे, तुम रद्दी कागज़ समझ लेना, और मेरे करीबी हो निर्माण करवाते रहना
शाहीन बनारसी
वाराणसी: वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दोहन अपने अधिनस्थो को लाख कोशिश करे कि वह नियमानुसार कार्यवाही करे। मगर उनके अधिनस्थो की कार्यशैली अक्सर सवालो के घेरे में रहती है। इसी का एक और उदहारण देखने को मिला है वाराणसी के आदमपुर ज़ोन स्थित कोयला बाज़ार ठीक चौराहे पर होता निर्माण। जहा कहने को तो नोटिस तामील करवा दिया गया है और सख्त हिदायत भी दे दिया गया है। मगर तस्वीर गवाह है कि काम जारी है।
कोयला बाज़ार ठीक चौराहे पर होते इस निर्माण कार्य के लिए तीन दिनों पहले ही वाराणसी विकास प्राधिकरण के स्थानीय जेई और जोनल अधिकारी ने मौके पर जाकर हो रहे अवैध निर्माण के लिए भवन स्वामी को नोटिस थमा दिया। सख्त हिदायत भी हुई कि “खबरदार कोई अवैध निर्माण न हो।” नियमानुसार सड़क के निर्माण हेतु समस्त औपचारिकता पूरी किया जाए उसके बाद ही कोई निर्माण कार्य हो।
मगर सूत्र बताते है कि नोटिस मिलने के बाद भवन स्वामी मुंबई निवासी के साथ “जुगाड़” का “बड़ा जुगाड़” लगा और फिर “जुगाड़ के जुगाड़” ने ऐसा “जुगाड़” कर डाला कि सभी अन्य “जुगाड़ फेल” हो गए। आप समझ तो गए होंगे कि जुगाड़ का जुगाड़ क्या होता है। फिर क्या तय सैटरडे नाईट और सन्डे की छुट्टी का जुगाड़ तो बड़ा जुगाड़ होता है। इस “जुगाड़” वालो के “जुगाड़” ने “कार्य प्रगति पर है” कर डाला।
अब आप समझ सकते है कि “नोटिस” का मतलब मुंबई निवासी सज्जन के लिए महज़ एक कागज़ ही तो होता होगा तभी तो काम प्रगति पर है। अब शायद स्थानीय जेई और प्राधिकरण के जोनल साहब अपने कार्यो की फेहरिश्त में ये काम चढ़ा चुके होंगे कि ये अवैध निर्माण मैंने रुकवा दिया। नोटिस दे दिया। मगर हकीकत ज़मीन पर दिखाई दे रही है। सच बात है कि हर एक ट्रांसफर के बाद यही होता है “चार दिन चर्चा उठेगी सब कुछ नियमानुसार काम करेगे और करवायेगे। पांचवे दिन भूल के फिर उसी ढर्रे पर लग जायेगे।”