पिंजरे में कैद हुआ बाघ, चिकित्सीय परीक्षण के बाद दुधवा के जंगलों में छोड़ा गया
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी जिले के तराई में मौजूद दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों से आए दिन वन्य जीव भोजन की तलाश में जंगलों से भटक कर रिहाईशी इलाकों में पहुंच रहे है। वही इस दौरान जिले के ही निघासन वन रेंज के तिकुनिया में आदमखोर बाघिन का आतंक जारी था जिसमें आए दिन बाघिन हमला कर लोगों को मौत के घाट उतार रही थी।
इसको देखते हुए वन विभाग के द्वारा बाघिन को कैद करने के लिए पिंजरा लगाया गया था जिसमें जहां आदमखोर बाघिन के अलावा दुधवा के बफर जोन में मझरा के पास 28 जून को पिंजरे में एक बाघ भी कैद हुआ था जिसके बाद कैद किए गए बाघ को चिकित्सीय परीक्षण के बाद आज मंगलवार की सुबह एक बार फिर दुधवा के घने जंगल में छोड़ दिया गया। वहीं इससे पूर्व कैद की गई बाघिन को लखनऊ जू में छोड़ा गया था।
इसकी पुष्टि करते हुए दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार ने बताया कि 28 जून को इस बाघ को दुधवा के बफर जोन में कैद किया गया था। उसका सघन चिकित्सा परीक्षण कराया गया। काफी जांच पड़ताल और विश्लेषण के बाद बाघ को पुनः दुधवा जंगल में छोड़ दिया गया है। उसकी बाकायदा निगरानी की जा रही है। निगरानी के लिए कई टीमें लगी हुई है।