सच बात मान लीजिये हुजुर, शहर में ये टोटो का फैला जाल, ट्रैफिक के लिए है जी का जंजाल
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: वाराणसी शहर में जनता के सुविधा हेतु चलाया जा रहा टोटो अब जी का जंजाल बन चूका है। जिस गली से आप गुज़रे उस गली में 2-4 टोटो आपको नज़र आ जायेगे। सच कहे तो कभी कभी ऐसा आभास होने लगता है कि अपना शहर टोटो सिटी बन चूका है। शहर की यातायात सुविधा हेतु चलने वाला टोटो अब इसी यातायात व्यवस्था के लिए जी का जंजाल बन चूका है।
आप किसी भी गली में गुज़र जाइए आपको टोटो रुपी इस समस्या से दो चार होना ही पड़ेगा। पुरे शहर में एक दो गली के बाद टोटो स्टैंड भी बन चुके है। नियमो को अगर देखे तो कोई नियम कम से कम अभी तो इस टोटो रुपी समस्या के लिए लागू नही होते है। सडको पर आपको किशोर भी टोटो चलाते दिखाई दे जायेगे। हालात दिन-ब-दिन बदत्तर होते जा रहे है। एक तरफ यातायात पुलिस इस बात की दलील देती नज़र आती है कि बैटरी चालित वाहन हेतु लाइसेंस की आवश्यकता नही होती है। वही एआरटीओ वाराणसी उदयवीर सिंह का कहना है कि बैटरी चालित टोटो यानी ई-रिक्शा के लिए लाइसेंस जारी होता है और लाइसेंस की आवश्यकता रहती है।
एआरटीओ वाराणसी उदय वीर सिंह की माने तो शहर में 10 हज़ार से कम टोटो पंजीकृत है। अब इस संख्या को देखे और सडको की स्थिति देखे तो ये संख्या दिमाग में आपको कई सवाल पैदा कर देंगे। क्योकि सडको पर तो इससे कही अधिक टोटो चल रहे है। शहर के हर एक मोहल्ले में 3 तो आपको टोटो चार्जिंग स्थल दिखाई देंगे। हर एक चार्जिंग स्थल पर 10 टोटो का एवरेज भी देखे तो फिर ये संख्या पंजीकृत संख्या से अधिक है।
हर एक चौराहे पर टोटो के यातायात जाम का मुख्य कारण बना हुआ है। दूसरी तरफ यातायात पुलिस के द्वारा नियमो की बात तो काफी हुई। कहने को कई बार नियम बनने और बनाने की भी बाते हुई मगर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस कभी भी नियमो को धरातल पर नही ला सकी ये भी एक हकीकत है। भले लहुराबीर से गोदौलिया चौराहे तक टोटो के जाने पर प्रतिबन्ध की बात सामने रहती है। मगर गलियां इन टोटो से गुलज़ार रहती है। कभी कोई नियम की बात होती है तो कभी किसी नियम की, मगर लागू एक भी नियम हो सका हो ये दिखाई तो नही पड़ा है।
तस्वीर आप देख रहे होंगे। ये पीडीआर माल के सामने की है। ट्राफिक हवालदार के सामने जिस प्रकार से टोटो सड़क पूरी कब्ज़ा किये हुवे है। चर्चाओं पर अगर कान धरे तो इसमें पॉकेट मनेजमेंट काम आता है। हर एक चौराहे पर जुगाड़ काम आता है। कई सालो से नियमो को बनाने की बात तो होती है, मगर नियम कब बनेगे ये नही पता किसी को। एडीसीपी ट्रैफिक दिनेश पूरी ने इस सम्बन्ध में हमसे बात करते कहा कि कई मार्गो पर निर्माण कार्य चल रहा है। जिसके कारण ट्रैफिक की समस्या बढ़ी हुई है। नगर निगम और आरटीओ कार्यालय के साथ मिल कर हम लोग टोटो के लिए रूट बनाने का प्लान कर रहे है जिसको जल्द ही धरातल पर लागू किया जायेगा।