आगरा: चम्बल खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, 137.80 मीटर पर पहुंचा जलस्तर
ए0 जावेद(इनपुट-साहिल खान)
आगरा: चम्बल खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। 137.80 मीटर जलस्तर पहुँच गया है जिससे आगरा में हालात बेकाबू हो रहे है। चम्बल खतरे के निशान के से ऊपर बह रही है। बीहड़ में बसे कई गांव चारों तरफ बाढ़ से घिर गए हैं। चंबल खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जलस्तर 137।80 मीटर पहुंच गया है। हालांकि शुक्रवार सुबह चंबल का जलस्तर यहां स्थिर हो गया, लेकिन मुसीबतें बरकरार हैं। घरों में पानी भर गया है। कई मकान डूब चुके हैं। बाढ़ से जान बचाने के लिए लोगों ने टीलों पर डेरा डाल लिया। संकट के बीच ग्रामीण खानपान की समस्या से जूझ रहे हैं। ज्यादातर राशन घरों में रह गया है, थोड़ा बहुत राशन लेकर आए हैं, वह भी खत्म होने वाला है।
बाह का पुरा भगवान गांव, यहां टीलों पर 500 से अधिक लोग हैं। उनके चारों तरफ पानी है, लेकिन पीने को पानी नहीं। उनके कंठ प्यासे हैं। 10 किमी दूर से पानी लाते हैं, लेकिन पूर्ति नहीं हो रही। मजबूरी में बाढ़ का पानी ही छानकर पीना पड़ रहा है। उधर, टीलों से ही गांव में डूबते हुए अपने मकानों को देख उनकी आंखों से आंसू झर रहे हैं। बृहस्पतिवार को यहां प्रधान ने लंगर लगाया, तो पेट की आग बुझी। प्रशासन की तरफ से इनके खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। टीले से एक किमी दूर उनका गांव चमक रहा है। रास्ता पानी में डूबा है। गांव तक पहुंचने के लिए एक नाव है। तीन दिन से अंधेरे में डूबे इस गांव में 15 मकान जलमग्न हो चुके हैं।
टीले पर मिले गांव के करन सिंह ने बताया कि पीने को पानी नहीं है। पुरा बागराज के प्रधान शेर बहादुर सिंह उर्फ बदले जादौन ने बताया कि मैं अपनी तरफ से ग्रामीणों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहा हूं। अब तो भगवान भरोसे ही हैं गांव के 65 वर्षीय कुंसी भी परिवार के 5 सदस्यों के साथ दो दिन से टीलों पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि घर गृहस्थी को थोड़ा ही सामान आ पाया। अब तो यहां हम भगवान के भरोसे ही हैं। कैंजरा घाट के पास चंबल किनारे बसा पुरा भगवान में करीब 1000 आबादी है। इनमें 500 लोग टीलों पर आ गए हैं, जबकि चारों तरफ पानी से घिरने के बाद भी 500 लोगों ने गांव नहीं छोड़ा है। चार दिन से गांव में बिजली नहीं। ऐसे में लोग मोमबत्ती के सहारे रात गुजार रहे हैं।