आगरा: थमी चंबल की लहरे, गिरे दो मकान
शाहीन बनारसी(इनपुट-साहिल खान)
आगरा: चंबल की नदी बीते कई दिनों से उफान पर है। बढ़ता जलस्तर अपना कहर बरपा रहा है। वही इन सब के बीच थोड़ी राहत इस बात की मिली है कि चंबल की लहरें थम गई है, लेकिन इसका प्रभाव ग्रामीणों पर कहर बनकर बरस रहा है। शुक्रवार को बाढ़ के पानी ने पिनाहट ब्लॉक के गांव उमरेठा में दो किसानों के घर को चपेट में ले लिया। देखते ही देखते दोनों मकान बाढ़ के पानी में धराशाही हो गए। चंबल में शुक्रवार को बाढ़ का पानी करीब 80 सेमी उतर गया। उफान थमने से लोगों ने राहत महसूस की है।
हालांकि 20 गांव अभी भी पूरी तरह पानी से घिरे हैं। यहां फसल, खलिहान और तमाम घर तबाह हो चुके हैं। तबाही का ये दौर अभी थमा नहीं है। पिनाहट ब्लॉक के गांव उमरेठा में अगनपाल और गोविन्द सिंह के मकान बाढ़ की वजह से भरभराकर गिर गए। ये देख परिवारजनों में चीख पुकार मच गई। हादसे के दौरान दोनों घरों में कोई भी मौजूद नहीं था। बताते चले कि कोटा बैराज से छोडे़ गए 26.50 लाख क्यूसेक पानी की वजह से चंबल नदी में बाढ़ आई। इस बाढ़ से 20 गांवों में काफी नुकसान हुआ है। तमाम घर, खेत, खलिहान डूब जाने से लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
वैसे बाढ़ के पानी से करीब 38 गांव के खेतों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। दूसरे दिन भी ग्रामीणों के चेहरों पर बाढ़ की दहशत दिखी। खेत की फसल और घर के सामान पानी में बर्बाद हो जाने से लोगों की आंखों में आंसू छलक रहे हैं। बाह के 20 गांवों मऊ की मढै़या, गोहरा, रानी पुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरनापुरा, डगोरा, कछियारा, रेहा, उमरेठापुरा, भगवानपुरा, पुरा डाल, पुरा शिवलाल, बीच का पुरा, क्योरी, कुंवर खेडा, धांधू पुरा, सिमराई, जेबरा, जगतपुरा का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूटा रहा।
6 गांवों गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरनापुरा, पुरा भगवान में स्टीमर के सहारे बीमार लोगों को इलाज और फंसे लोगों को बाहर निकलने में मदद मिल रही है। एसडीएम रतन वर्मा ने बताया कि एसडीआरएफ और जल पुलिस की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम दिनभर चला। चंबल नदी का जलस्तर थम गया है। पानी हटने पर नुकसान का आकलन कराकर प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।