उफनाई गंगा की लहरों ने विश्वनाथ कॉरिडोर में किया प्रवेश, हर तरफ बाढ़ से मची तबाही, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बांटी दवाइयां
ईदुल अमीन/अजीत शर्मा
वाराणसी: लगातार गंगा के जलस्तर में हो रहे बढाव से हर तरफ त्राहि त्राहि मची है। लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। आज सोमवार को भी वाराणसी के गंगा के जलस्तर में बढाव जारी है। बताते चले कि जलस्तर की रफ्तार एक सेमी प्रतिघंटे की दर से है, लेकिन इसका प्रभाव अब पॉश कॉलोनियों में होने लगा है। सामनेघाट के सामने करीब दर्जनभर से अधिक कॉलोनियों में सैकड़ों मकान पानी में घिर गए हैं। उधर, वरुणा तटवर्ती इलाकों को बाढ़ तेजी से अपने आगोश में ले रहा है। अब गंगा की उफनाई लहरें श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी प्रवेश कर चुकी हैं। जलासेन पथ के रास्ते धाम में गंगा की लहरें घुसने के बाद पूरा रैंप पानी में डूब गया है।
वहीं दूसरी तरफ गंगा ने अस्सी घाट को पूरी तरह से डूबो दिया है। अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नावें चल रही हैं। सोमवार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71।26 मीटर से 74 सेंटीमीटर ऊपर 72।01 मीटर तक पहुंच गया है। वरुणा पार और गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की त्रासदी में त्राहिमाम मचा है। जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। बाढ़ में फंसे लोगों तक नाव से पहुंचकर स्वास्थ विभाग की टीम लोगों को जांच के बाद जरूरी दवाइयां दे रही है। रमना क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ0 शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी ने नाव से भ्रमण कर लोगों की जांच कर उन्हें ओआरएस के पैकेट, क्लोरीन की गोली, पेट सम्बन्धी बीमारी से जुड़ी दवाइयां दी।
इसके अलावा पानी की शुद्धता के लिए क्लोरीन की गोलियां डालने और उबाल कर पानी पीते रहने की सलाह भी दी गई। डॉ0 शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि जिस तरह से बाढ़ का पानी शहर से लेकर गांव तक पहुंच रहा है उससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है। ऐसे में लोगों से साफ सफाई के साथ ही उन्हें पानी में कम से कम आने जाने की सलाह दी जा रही है। विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पूरी बांह का कपड़ा पहनना चाहिए। वही गंगा में बढ़ाव का आलम ये है कि नमो घाट पर नमस्कार की मुद्रा वाली आकृति को डूबने अब कुछ ही घंटे बाकी हैं। बाकी अन्य पक्के घाटे भी धीरे-धीरे डूबते जा रहे हैं।
दशाश्वमेध और शीतलाघाट के जरिए पानी सड़क होते हुए सब्जी मंडी के तक पहुंच गई है। ग्रामीण इलाकों में रमना, डाफी, चिरईगांव, व चौबेपुर आदि इलाकों के दर्जनभर से अधिक गांवों का सम्पर्क आसपास से कट गया है। गंगा के रौद्र रूप के कारण आई बाढ़ से शहर में 19 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। इसमें 661 परिवार के 3432 बाढ़ पीड़ितों को शरण दी गई है। राहत एवं बचाव के लिए 58 नावें लगाई गई हैं। बाढ़ से जनपद के कुल 20 वार्ड, 99 ग्राम सभा सहित कुल 119 ग्राम सभा एवं वार्ड के 15318 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 19 राहत चौकी स्थापित की गईं हैं।
बाढ़ चौकियों पर पशुपालन विभाग द्वारा पशुधन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है और पशु चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से पशुओं के चिकित्सा एवं टीकाकरण कार्य कराया जा रहा है। एनडीआरएफ कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में एनडीआरएफ की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, एडीएम सिटी गुलाब चंद्र ने एनडीआरएफ टीम के साथ मारुति नगर इलाके में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। जिलाधिकारी ने प्रभावित लोगों की समस्याओं को सुना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।