वाराणसी: खतरे के निशान से ऊपर गंगा, काशी की गलियों में चल रही नावें
अजीत शर्मा
वाराणसी: बनारस में गंगा ने रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है। इस कारण तटवर्ती इलाकों में त्राहिमाम की स्थिति है। जलस्तर में बढ़ाव ने आम जनता की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। वाराणसी में गंगा ऊफान पर हैं। मध्यरात्रि में गंगा ने खतरे का निशान पार किया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर रात में 12 बजे 71.29 मीटर पर पहुंच गया। बनारस में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
काशी के सभी घाट और वहां स्थित मंदिरों के साथ ही श्मशान घाट कई दिनों से डूबा हुआ है। गंगा अब घाटों से आगे निकलकर सड़कों पर प्रवाहित होने लगी हैं जिसके कारण सड़कों और गलियों में नावें चल रही हैं। चंबल में उफान का असर बनारस में नजर आ रहा है। शुक्रवार रात नौ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से छह सेंटीमीटर नीचे 71.20 सेंटीमीटर पर बह रहा था।
गंगा किनारे के पुराने इलाके भी अब बाढ़ से घिरने लगे हैं, क्योंकि पानी सड़कों और गलियों में घुस गया है। पानी से भरे मणिकर्णिका घाट की गली में जहां नावें चलती नजर आई तो दूसरी ओर अस्सी और दशाश्वमेध घाट की सड़क पर भी यही नजारा था।