आखिर कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका हुई खारिज, अब सुशासन बाबू के पूर्व मंत्री जायेंगे जेल
अनिल कुमार
पटना: आज सुबह में बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा था कि क्या मंत्री मंडल से इस्तीफा देने का मुख्य कारण यह है कि आपका विभाग बदल दिया गया था, तो पूर्व मंत्री ने अपने इस्तीफे का सारा ठीकरा भाजपा पर फोड़ दिया था और शाम होते होते इस्तीफा का मुख्य कारण यह पता चल गया कि पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह को यह आभास हो गया था कि हमारी जमानत याचिका खारिज होगी और वे जेल जायेंगे।
पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह का यह मामला बिहटा थाना कांड संख्या – 859/2014 से जुड़ा हुआ है। इस कांड में राजू सिंह नामक एक व्यक्ति ने जो अभी फिलहाल जेल में बंद हैं। इसने ही मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह सहित कई लोगों को अपने अपहरण होने के मामले में बिहटा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह अप्रथामिकी अभियुक्त थे। इस अपहरण कांड में पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह को पुलिस ने जांच में क्लीन चिट दे दी थी पर न्यायिक दंडाधिकारी, दानापुर ने इस अपहरण के मामले में पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह को संज्ञान में लेते हुए इस कांड में अभियुक्त बनाया।
सुशासन बाबू के पूर्व मंत्री ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की जिस पर एडीजी 3, दानापुर ने एक सितंबर 2022 तक पूर्व मंत्री के गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। पर पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह को यह आभास हो गया था कि इस कांड में जो धारा 363/364/365/34 आईपीसी के तहत लगाया गया है उसमें निचली अदालत से राहत मिलने की संभावना नगण्य है इस कारण अपने तथा अपने सरकार की होने वाली किरकिरी से बचने के लिए बुधवार रात को ही मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया और इस्तीफे का ठीकरा भाजपा पर फोड़ दिया कि मुझे राजद कोटे से भूमिहार जाति से मंत्री बनने के कारण मेरी छवि भाजपा धूमिल कर रही है और साथ ही साथ मेरे पार्टी के नेता का भी छवि धूमिल हो रही है थी। इसके कारण हम इस्तीफा देना बेहतर समझा।
मंत्रीमंडल में पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह को शामिल करने में भी बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। क्योंकि पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह के असली गॉड फादर मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह,जो फिलहाल जेल में बंद हैं उन्होंने ने ही अपने दम पर कार्तिकेय सिंह को राजद से विधानपार्षद के लिए टिकट भी कंफर्म कराया और जीत की गारंटी भी दी। आखिर में कार्तिकेय सिंह विधानपार्षद भी बन गए पर उस समय एनडीए की सरकार में अनंत सिंह और सुशासन बाबू के सहयोगी व मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह में छत्तीस का आंकड़ा चल रहा था। यहां तक कि अनंत सिंह की जेल यात्रा से लेकर विधायक की सदस्यता खत्म करवाने में जदयू के इन महारथियों का पूरा योगदान रहा है तब अनंत सिंह राजद के करीब हो गए। पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह का जमानत याचिका खारिज होने पर भाजपा खेमे में काफी खुशी है।