सेवईतो पर बिल्डर ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप, कहा मंदिर को खत्म करना चाहते है सेवईत, मेरा एग्रीमेंट होने के बाद भी दुसरे बिल्डर को दिया ठेका
अनुराग पाण्डेय
वाराणसी: वाराणसी के विशेश्वरगंज में निर्माणाधीन एक भवन की संपत्ति पर मालिकाना हक़ न होने के बावजूद भी सेवईतो द्वारा मन्दिर को खत्म कर कमर्शियल भवन बनाने का आरोप काशीपूरा निवासी बिल्डर मोहम्मद साजिद सिद्दीकी ने लगाया है। पराड़कर भवन में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में बिल्डर साजिद ने कहा कि मेरा एग्रीमेंट होने के बावजूद भी धोखाधड़ी करते हुवे हमारे लाखो रुपया हड़प कर सेवईतो ने एक भू-माफिया को इस भवन का एग्रीमेंट कर दिया है।
पत्रकार वार्ता में साजिद ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुवे बताया कि सेवईतो के द्वारा मुझसे यहाँ एक भवन बनाने का एग्रीमेंट किया था। जिसमे मंदिर अपने वास्तविक स्थित में रहती और आसपास की अन्य संपत्तियों पर दुकाने और फ़्लैट बनते। इसके एवज में उन्होंने मुझसे एग्रीमेंट के समय 5 लाख का चेक लिया और वादा किया आगे रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करेंगे जिससे बाद में वह लोग मुकर गए। क्योकि वह लोग मुझसे एग्रीमेंट से इतर अलग अलग मांग करने लगे। उनकी मांग थी कि मन्दिर का प्राचीन कुआं पाटकर बोरिंग किया जाए और मन्दिर के स्थान पर एक शिव जी ठाकुर जी के नाम का एक कमरे में मन्दिर वो भी ग्राउंड फ्लोर से हटाकर फर्स्ट फ्लोर पर बनाया जाए।
साजिद ने आरोप लगाते हुवे बताया कि हमने इस मांग का विरोध किया और इसका मुख्य कारण ये था कि मैं किसी भी धार्मिक आस्था से नही खेलता हु। मैं पहले भी 5 मन्दिरों का निर्माण कर चूका हु। विरोध स्वरूप मैंने एक मुकदमा न0 947/2022 कायम किया जो अदालत में विचाराधीन है। बावजूद इसके सेवैईतगण झूठ-फरेब करके एक एग्रीमेंट भूमाफियाओ से कर लिया। जिसके बाद मैंने जब इसकी तफ्तीश किया तो जानकारी हासिल हुई कि धोखाधड़ी करके मंदिर की संपत्ति कब्ज़ा करने के नीयत से सेवईतो ने अपनी जिस बहन को मेरे समक्ष मृत घोषित किया था, वह जीवित हैं और उनके बेटी तृप्ति शर्मा प्रभाकर व दामाद विशाल प्रभाकर है। साथ ही यहाँ राम लीला प्रबनधक श्री राम भारद्वाज की सदियों से चली आ रही मौनी बाबा की राम लीला को भी सेवईतो के द्वारा खत्म किया जा रहा है।
साजिद ने आरोप लगाया है कि पूरी भूमि पर अवैध रूप से कमर्शियल कटरा का निर्माण करा रहें है। जबकि यह संपत्ति के0 43/52 जिसमें सैकड़ों वर्ष पुरानी मन्दिर थी जिसका प्रमाण वर्ष 1844 के दान में मिलता है को जिसे सिरे से नकार रहे और भू माफिया को संपत्ति सौप दी है। उन्होंने आरोप लगाते हुवे कहा कि संबंधित विभाग एवं थाना उनका समर्थन कर रहा है। अब मैं जाऊं तो कहां जाऊं ? जान व माल से भी जाने की धमकी भी दी जा रही? उन्होंने शासन से मांग किया है कि प्रकरण में एसआईटी बनाकर निष्पक्ष जाँच किया जाए जिसमे मैं सभी दस्तावेज़ उपलब्ध करवा दूंगा।