गैंगेस्टर मामले में भी बसपा सांसद अतुल राय सहित 2 को अदालत ने किया बरी, विवेचना में लापरवाही पर अदालत ने दिया पूर्व जंसा थानाध्यक्ष रमेश प्रसाद पर विभागीय कार्यवाही करने का आदेश
ए0 जावेद
वाराणसी: बसपा सांसद अतुल राय सहित दो को आज अदालत ने गैंगेस्टर मामले में बरी कर दिया है। वही मामले में लापरवाही के साथ विवेचना करने पर नाराज़ अदालत ने तत्कालीन थानाध्यक्ष जंसा रमेश प्रसाद पर कार्यवाही का आदेश दिया है। अतुल राय और राहुल सिंह को अदालत ने इस मामले में सबूतों के अभाव में बरी किया है।
अदालत ने रोहनिया थाने के गैंगस्टर एक्ट के मामले में आरोपी बनाए गए घोसी के सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय और बड़ा गांव के राहुल सिंह को इस मामले से बरी किया है। सांसद अतुल राय के वकील अनुज यादव ने बताया कि अभियोजन पक्ष के मुताबिक 2009 में तत्कालीन रोहनिया थाना अध्यक्ष ने अतुल राय और राहुल सिंह के खिलाफ कई मुकदमों का जिक्र किया गया था। जिसमें कहा था कि दोनों एक संगठित गिरोह चलाते हैं और अपने गैंग के सदस्यों को आर्थिक एवं भौतिक लाभ दिलाने के लिए अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। उनकी दहशत इतनी ज्यादा थी कि कोई व्यक्ति उनके खिलाफ गवाही देने के लिए तैयार नहीं था।
गौरतलब हो कि वर्ष 2009 में अतुल राय के खिलाफ हत्या हत्या के प्रयास सहित कई मामले दर्ज किए गए थे। इसी के बाद अतुल राय और राहुल सिंह के खिलाफ रोहनिया थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बचाव पक्ष ने अपनी दलीलें पेश करते हुए गैंगस्टर एक्ट के मामले में जिलाधिकारी की सहमति आवश्यक बताया। जबकि तत्कालीन रोहनिया थानाध्यक्ष ने अदालत में आरोप पत्र भेजने से पहले जिलाधिकारी की संस्तुति भी नहीं ली थी। साथ ही गैंग चार्ट में जिन मुकदमों का जिक्र किया गया था। उसमें अधिकतर मामलों में अतुल राय और राहुल सिंह पहले ही बरी हो चुके हैं।
यह फैसला एमपी-एमएलए कोर्ट के सियाराम चौरसिया की अदालत ने दिया है। अदालत ने तत्कालीन थानाध्यक्ष रोहनिया सीताराम और थानाध्यक्ष जंसा रमेश प्रसाद को कड़ी फटकार भी लगाई है। बताते चले कि इसके पहले अतुल राय एमपी-एमएलए कोर्ट से जानलेवा हमले और उसके पहले रेप के मामले में भी बरी हो चुके हैं।