जाने कब है दशहरा, कैसे करे पूजन अर्चन, जाने पूरी विधि
अनुराग पाण्डेय
नवरात्रि का बाद दशहरा मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा का त्योहार हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा पर्व को आयुधपूजा और विजय दशमी के अन्य नाम से जानते हैं। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था। इस साल दशहरा की सही तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग इसकी तिथि 5 अक्टूबर को बता रहे हैं तो वहीं कुछ 4 अक्टूबर को दशहरा मनाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में पंचांग के अनुसार जानते हैं कि आखिर दशहरा 4 या 5 अक्टूबर में से किस तिथि को मनना सबसे उचित और अच्छा रहेगा।
हर साल दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग केअनुसार, इस बार दशमी तिथि 04 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट के बाद से शुरू हो रही है। वहीं दशमी तिथि 5 अक्टूबर, 2022 को दोपहर 12 बजे तक रहने वाली है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार दशहरा 05 अक्टूबर, को ही मनाया जाएगा।
जाने कब है दशहरा
- विजय मुहूर्त- 5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 2 बजकर 54 मिनट तक
- दूर्मुहूर्त- 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक
- अमृत काल- 05 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 1 बजकर 02 मिनट तक
दशहरा 2022 पूजा विधि
- दशहरा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान करें।
- इसके बाद गेहूं या चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं।
- गाय के गोबर से 9 गोले (कांडे) बनाएं।
- गोबर से दो कटोरियां बनाएं।
- एक कटोरी में कुछ सिक्के रखें दूसरी में रोली, अक्षत (चावल) फल और जौ रखें।
- पानी, रोली, चावल , फूल और जौ के साथ पूजा शुरू आरंभ करें।
- प्रतिमा पर केले, मूली , ग्वारफली, गुड़ और चावल अर्पित करें
- प्रतिमा को धूप और दीप दिखाएं।
- अगर दिवाली के लिये नए खाते मंगवाने हैं तो इसी दिन मंगवाए जाते हैं।
- बहीखातों को भी फूल, जौ, रोली और चावल चढ़ाएं।
- पूजा के बाद गोबर की कटोरी से सिक्के निकाल कर सुरक्षित जगह रख दें
- ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराकर दक्षिणा दें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। PNN24 न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।