रामपुर: आज़म खान को मिली बेल, गए घर नही जायेगे जेल, अदालत ने सुनाया था 3 साल की सज़ा और लगाया था तीन धाराओं पर 2 हज़ार रुपया यानि कुल 6 हज़ार का जुर्माना
तारिक़ आज़मी (इनपुट: गौरव जैन)
रामपुर: रामपुर की एक अदालत ने आज़म खान को ज़मानत दे दिया है। मिल रहे समाचारों के अनुसार आज़म खान अपने समर्थको के साथ घर को चले गए है। अदालत ने 25 हज़ार के दो जमानतदारो के ज़मानत पर उनको रिहा कर दिया है। इस समाचार की पुष्टि आज़म खान के अधिवक्ता विनोद कुमार शर्मा ने हमसे फोन पर हुई बातचीत में किया है। उन्होंने बताता कि सजा का एलान होने के बाद अदालत ने 25 हज़ार के दो ज़मानतदारो की ज़मानत पर आज़म खान को रिहा कर दिया है।
गौरतलब हो कि रामपुर कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही उन्हें 2 हजार रुपये प्रति धारा के अनुसार कुल 6 हज़ार रुपया जुर्माना लगाया था। दोषी साबित होने के बाद ही उन्हें अदालती कस्टडी में ले लिया गया था। दरअसल मीडिया द्वारा जुर्माना राशि अपनी खबरों में इसके पूर्व 25 हज़ार रुपया लिखा गया था। यह त्रुटी सभी खबरों में हुई थी जिसका कारण था कि सभी मीडिया में यह राशि वादी आकाश सक्सेना “हनी” के अधिवक्ता संदीप सक्सेना के बयान को आधार मान कर समाचार प्रसारित किया था। अधिवक्ता विनोद कुमार शर्मा ने हमसे बात करते हुवे कहा कि अदालत ने तीन धाराओं में प्रत्येक पर 2 हज़ार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई है जो राशि कुल 6 हज़ार रुपया होती है।
आपको बता दें कि वर्ष 2019 में चुनाव के दौरान आजम खान ने तहसील मिलक में भाषण दिया था, जिसे लेकर कोर्ट का फैसला आया है। खान पर हेट स्पीच देने का आरोप है। 7 अप्रैल 2019 को रामपुर के समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार मोहम्मद आजम खान ने अपनी चुनावी सभा में भाषण देते हुए रामपुर में तैनात कई प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उनके इस भाषण पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने कार्यवाही की थी और चुनाव आयोग की वीडियो टीम के इंचार्ज द्वारा एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
इसी मामले में आज फैसला आया है। आजम खान पर भड़काऊ भाषण देने और नफरत फैलाने जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में रामपुर के संयुक्त निदेशक अभियोजन प्रभारी एसपी पाण्डेय ने कहा है आज़म खान को 3 साल की सजा सुनाई गई है, अगर वह ज़मानत के लिये आवेदन करते है तो उनको ज़मानत मिल सकती है। सजा 2 साल से अधिक की है इसलिए उनका विधायकी पद खतरे में है।