वाराणसी: एडीसीपी (वरुणा) प्रबल प्रताप सिंह ने खुद लिया गाडी की तलाशी और हार मान चुकी छत्तीसगढ़ पुलिस को दिलाई लूट का माल बरामद कर सफलता
शाहीन बनारसी
वाराणसी: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हुई सर्राफा कारोबारी सुरेन्द्र कुमार सोनी की हत्या और लूट के प्रकरण में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस से मदद मांगने आई छत्तीसगढ़ पुलिस को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने पूरा सहयोग दिया और वारणसी के सिगरा थाना क्षेत्र स्थित अंधरापुल से चारो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया। जिसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने सिगरा थाने लाकर आरोपियों से पूछताछ किया।
इस दरमियान आरोपियों से पूछताछ करने और समस्त विधिक कार्यवाही पूरी करवाने के लिए खुद एडीसीपी वरुणा प्रबल प्रताप सिंह सिगरा थाने पहुचे और मामले की पूरी जानकारी हासिल कर अभियुक्तों से पूछताछ किया। पूछताछ के दरमियान जैसा पुलिस सूत्र बता रहे है कि अभियुक्तों ने बहुत से राज़ वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस से उगल डाले और बहुत कुछ इस घटना के सम्बन्ध में अन्दर की बात बताया है। गाडी की तलाशी खुद छत्तीसगढ़ पुलिस लगभग एक घंटे तक लेती रही, मगर अनुभव की कमी साफ़ समझ में आई और गाडी से लूट का कोई भी माल बरामद नही हुआ।
थक हार कर आखिर छत्तीसगढ़ पुलिस थाने के अन्दर आकर सुस्ताने लगी। जब एडीसीपी वरुणा प्रबल प्रताप सिंह को यह जानकारी हासिल हुई कि छत्तीसगढ़ पुलिस के हाथ बरामदगी से पूरी तरह खाली है और एक पैसे का लूट का माल गाडी से बरामद नही हुआ है तो खुद वह उठ कर गाडी के पास आये और अपने अधीनस्थ इस्पेक्टर सिगरा राजू सिंह और एसआई राज कुमार पाण्डेय के साथ गाडी की तलाशी लेना शुरू कर दिया। इस दरमियान छत्तीसगढ़ पुलिस मूक दर्शक बनी देख रही थी। शायद उसके मन में चल रहा होगा कि “हमने पूरी गाडी छान मारी और कुछ नही मिला तो इनको कहा से मिल जाएगा।
कहा जाता है कि अनुभव बोलता है। आखिर प्रबल प्रताप सिंह का अनुभव बोला और उन्होंने गाडी का बोनेट खुलवाया और सभी फिर आश्चर्य चकित रह गए। गाडी के बोनट के अन्दर एक बैग मिला। बैग में नगदी और लूट के जेवर भरे हुवे थे। देखने में लाखो का माल प्रतीत हो रहा था। इस बरामदगी के बाद हकीकत है छत्तीसगढ़ पुलिस के चेहरे देखने लायक थे। अपनी नाकामी को अपनी आँखों के सामने कामयाबी पाते देख उनको भी अचम्भा था। दूसरी तरफ इस कामयाबी को आप अनुभव का भी नाम दे सकते।