दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुँच चुके प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका, जाने कब होगी सुनवाई
आदिल अहमद
नई दिल्ली: बढ़ रहे प्रदुषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया गया है। बताते चले कि दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद से ही हर रोज़ प्रदुषण बढ़ रहा है। हवा इतनी ज़हरीली हो गई है कि सांस लेने में भी कठिनाई महसूस हो रही है। हवा में प्रदूषक तत्वों की बढ़ रही मात्रा ने हवा को दम घोंटू बना दिया है। हर दिन हवा में प्रदूषक तत्वों का इजाफा हो रहा है और एक्युआई भी बढ़ता ही जा रहा है
दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है। बढ़ रहे प्रदुषण के इस मसले पर दाखिल याचिका को कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है। आवेदन में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण घटाने के तरीकों पर निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की है।
गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई को तैयार है। दस नवंबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण काफी बढ़ गया है। ऐसे में बुजुर्गों और बच्चों के लिए दिक्कतें और बढ़ गईं हैं। सुप्रीम कोर्ट को मामले में तुरंत दखल देना चाहिए।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंन्द्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और यूपी सरकार को पार्टी बनाया गया है। प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश का पालन न करने को लेकर राज्यों के मुख्य सचिव को तलब करने की मांग की गई है। बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व मे हाईलेबल कमेटी बनाने की मांग की गई है। स्कूलों और ऑफिस को वर्चुअल करने की मांग की गई है। स्मॉग टॉवर बढ़ाने और दिल्ली में प्रदूषण को खत्म करने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की गई है।
याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने कहा कि हमें लगता है इसमें हस्तक्षेप की जरूरत है। वकील शशांक शेखर झा ने कहा कि दिल्ली में AQI 500 तक पहुंच चुका है। ऐसे में तुरंत दखल देने की जरूरत है। यह मामला जीने के अधिकार के तहत आता है।