डीएम ने किया जनपदीय समिति की बैठक, दिए निर्देश
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): गुरुवार की देर शाम प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में “उप्र राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022” के क्रियान्वयन के लिए गठित जनपदीय समिति की बैठक आहूत हुई। बैठक का संचालन उप कृषि निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा ने किया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह ने कहा कि शासन ने उप्र राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 का प्रख्यापन किया है, इससे जहां एक और कृषकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण की समस्या से निजात मिलेगी। काफी समय से किसान धान फसल के बाद अपने खेतों में पराली जलाते हैं, जिससे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। अनेक कृषि अपशिष्ट ऐसे हैं, जिनकी कोई उपयोगिता नहीं हो पाती और फेंक दिए जाते हैं। उप्र राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 इस समस्या के निदान के लिए महत्वपूर्ण विकल्प प्रदान करती है।
उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत प्रत्येक तहसील को एक केचमेंट एरिया के रूप में मानते हुए कृषि अवशिष्ट, पराली को जलाने से या बर्बाद करने से बचाने के लिए इन पर आधारित बायो प्लांट की स्थापना किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस पृष्ठभूमि में प्रख्यापित नीति के प्रावधानों का गहन अध्ययन करते हुए प्रावधानों से किसानों को अवगत कराएं। निवेशकों को चिन्हित करते हुए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। निवेशकों को बायो प्लांट लगाने के लिए अनेक सुविधाएं इस नीति के तहत अनुमन्य है।
शासन की मंशा है कि प्रत्येक तहसील स्तर पर पराली आधारित कम से कम एक इकाई अवश्य स्थापित हो। स्थानीय स्तर पर एपीओ गन्ना समितियां सहकारी समितियां इत्यादि इस नीति से लाभान्वित होकर पराली संग्रहण में महती भूमिका अदा कर सकेंगे। बायोमास के संग्रहण के लिए उन्हें रेकर, बेलर, एवं ट्रालर पर अपफ्रंट सब्सिडी कृषि विभाग की योजनाओं के तहत प्रदान की जाएगी, जो कि भारत सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी के अतिरिक्त होगी।
समिति के सदस्य सचिव उप-निदेशक कृषि अरविंद मोहन मिश्रा ने नीति की आवश्यकता एवं प्रासंगिकता बताते हुए समिति सदस्यों के उत्तरदायित्व समझाएं। बैठक में उप-कृषि निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा, डिप्टी आरएमओ संतोष कुमार, डीपीआरओ, जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी, परियोजना अधिकारी यूपी नेडा, एफपीओ संगठन एवं एग्रीगेटर, जैव ऊर्जा उद्यमी मौजूद रहे।