“लब पर जब नाम-ए-मुहम्मद की सदा आई है, उनके दरबार से रहमत की घटा आई है”, अंजुमन गुलामान-ए-गौस-ए-पाक की जानिब से हुआ जश्न-ए-ईद मिलाद्दुन्न्बी व जश्न-ए-गौसुलवरा
शाहीन बनारसी
वाराणसी: वाराणसी के नई सड़क मैदान में कल शनिवार की रात जश्न-ए-ईद मिलादुन्ननबी और गौसुलवरा शान-ओ-शौकत और पुरे एहतराम के साथ मनाया गया। अंजुमन गुलामान-ए-गौस-ए-पाक की जानिब से एक आलिशान प्रोग्राम में शहर और दूर दराज़ से आई अन्जुमन ने अपने कलाम से लोगो का दिल मोह लिया। जैसे ही नात्ख्वा ने “हिज्र सरकार के गम में जो कज़ा आई है” पढ़ा, तमाम आशिक-ए-रसूल झूम उठे थे।
इस कार्यक्रम में अंजुमन फारुकिया, अंजुमन फिरदौस-ए-अदब, अंजुमन दावत-ए-इस्लाम, अंजुमन रजा-ए-मुस्तफा, अंजुमन फलाह-ए-दीन, अंजुमन मेहबान अहल-ए-बैत, अंजुमन तकरीबात इस्लामी, अंजुमन चराग-ए-इस्लाम, अंजुमन गुलामान-ए-वारिस, अंजुमन रिजवानिया, अंजुमन अनवार सुफिया, अंजुमन बहार-ए-शरियत, अंजुमन अनवार रहमत और अंजुमन गुलामाने सहाबा ने अपने अपने कलाम पेश किये।
अन्जुमानो के कलाम पर तमाम आशिक-ए-रसूल सुभान अल्लाह की सदा के साथ झूम उठते थे। देर रात तक चले इस कार्यक्रम में सैकड़ो आशिक-ए-रसूल ने शिरकत किया। आयोजनकर्ताओं ने तमाम आने वाले लोगो के लिए चाय और नाश्ते का भी इंतज़ाम कर रखा था जिससे श्रोताओं को किसी तरीके की ज़हमत न उठानी पड़े। इस कदीमी प्रोग्राम में पहली बार युवाओं ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यु-ट्यूबे और बड़ी स्क्रीन पर किया जो देखते ही बनता था। मंच की साज सज्जा से लेकर आसपास के खुशनुमा माहोल की सजावट में कोई कसर युवाओं ने नही छोड़ी थी।
इस कार्यक्रम में संभ्रांत नागरिको और पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले संभ्रांत कारोबारियों में आसिफ शेख, एनुद्दीन “एनु”, जीशान अहमद, अबुल खैर “मिस्टर”, एड0 नजमी सुल्तान, शकील सिद्दीकी, मो0 साजिद “गुड्डू मुरमुर” मशहूर समाजसेवक और बैंकर कदीर आज़मी, पत्रकारों में तारिक आज़मी, ए जावेद, शाहीन बनारसी, ईदुल अमीन, शफी उस्मानी आदि शामिल थे।
कार्यक्रम की सदारत मशहूर और मकबूल सूफी संत मो0 ज़कीउल्लाह कादरी ने किया। कार्यक्रम में मुख़्तार अहमद, मोहम्मद इरफ़ान “बाबु हाजी,” फुरकान खान, फैजी अहमद “बाबु नकाब”, रज्जब अख्तर “राजा”, मसिऊज़्ज़म बाबु, रईस आलम “पप्पू”, फरीद आलम, जीशान अहमद, हाजी आसिफ चौधरी, मोहम्मद रिजवान “शेरू”, साकिब खान, इमरान खान आदि युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।